हाथियों ने महिला को मार डाला, किया रमकंडा-भंडरिया मार्ग तीन घंटे जाम
हाथियों ने महिला को मार डाला
पिछले दिनों गढ़वा जिले के रमकंडा थाना क्षेत्र के बलिगढ़ में नागेश्वर सिंह को कुचलकर मारने के बाद हाथियों ने रविवार को एक महिला को भी कुचलकर मार डाला. रमकंडा के बैरिया जंगल में रविवार की सुबह खुखड़ी (मशरूम) खोजने गयी बरवा गांव की सालेटोंगरी टोला निवासी 50 वर्षीय महिला स्वाति तिर्की को हाथियों ने कुचल दिया. इससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. इसके साथ ही महिला के साथ गयी स्व इरुस कुजूर की पत्नी दिलमानी टोप्पो भी भाग कर जान बचाने के दौरान घायल हो गयी. बचकर भागी महिला ने इस घटना की जानकारी गांववालों को दी. इसके बाद सैकड़ो ग्रामीण एकजुट होकर जंगल में गये. जहां से उसके शव को इकठ्ठा कर मोटरी में बांधकर सड़क तक लाया गया. वहां सड़क पर शव रखकर रमकंडा-भंडरिया सड़क को तीन घंटे तक जाम कर दिया गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद भंडरिया वनक्षेत्र के वनपाल कमलेश कुमार सहित रमकंडा और भंडरिया पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर जानकारी ली एवं पीड़ित परिवार को सरकारी प्रकिया पूरी होते ही जल्द मुआवजा उपलब्ध कराने की बात कही. लेकिन आक्रोशित ग्रामीण वन विभाग से हाथियों के स्थायी समाधान व मृतक के परिजनों को नौकरी व मुआवजे की मांग पर अड़ गये. ग्रामीण उपायुक्त व डीएफओ को बुलाने की मांग कर रहे थे. हालांकि तीन घंटे बाद मुखिया पति शिवलखन लकड़ा, वन विभाग व पुलिस की ओर से समझाने के बाद लोगों ने जाम हटाने पर सहमति दी. वहीं वन विभाग ने तत्काल 50 हजार रुपये मुआवजा के रूप में उपलब्ध कराया. वहीं प्रक्रिया पूरी होते ही शेष मुआवजा राशि देने की बात कही. इसके बाद जाम हटाया गया.
ये थे उपस्थित : जाम स्थल पर फूलचंद सिंह, आशिक मंसूरी, जयराम सिंह, तपेश्वर सिंह, रंजन केरकेट्टा, बसंती पन्ना, अर्चना गुप्ता, मुखिया विनोद प्रसाद, इम्तियाज अहमद, थियोडर कच्छप, जयणंदन कच्छप, हिरदयानंद मिंज, उषा मंजू तिर्की, गीता पासवान व फूलवंती बेक सहित वनकर्मी व पुलिस बल मौजूद थे.
अचानक घेरकर पटकने लगा हाथी, झाड़ियों में छिपकर भागी
घटना की आंखों देखी मृतक के साथ में गयी महिला दिलमणि टोप्पो ने बताया कि दोनों लोग सुबह सुबह जंगल की ओर खुखड़ी लेने निकले थे. कुकुरटंगवा (कन्यापथल के पास) जंगल में हाथियों ने उन्हें अचानक घेर लिया. जब तक कुछ समझ में आता, एक हाथी ने चिंघाड़ मारते हुए स्वाति को सूंड़ में लपेटकर पटकना शुरू कर दिया. दिलमणि ने बताया कि इसी बीच थोड़ा मौका मिलते ही वह झाड़ियों में छिप गयी. वहीं झाड़ियों में गिरते पटकाते भागने में सफल हो गयी. उसने बताया कि हाथियों से घिर जाने के बाद उसे कुछ समझ में नही आ रहा था कि क्या करें. दिलमणि के हाथ पैर व कमर में उसे गंभीर चोट लगी है.
शव के टुकड़े कर दिये, ग्रामीणों ने चुनकर इकट्ठा किया
ग्रामीण बताते हैं कि हाथियों का मिजाज कुछ ऐसा इसी बात से समझा जा सकता है कि हाथियों ने फुटबॉल की तरह मृतक को उठा-उठा कर पटका है. वहीं शव के टुकड़े कर दिये. बताया कि सूचना के बाद शव देखने गये ग्रामीणों को मृतक के शव के बिखरे टुकड़ों को जमा करना पड़ा. घटना स्थल से मोटरी (कपड़ा) में बांधकर शव लाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि रमकंडा क्षेत्र में पिछले एक महीने से 35-40 हाथियों का झुंड इसी क्षेत्र के गांवों में रोज तबाही मचा रहा है. मकई व धान की फसलों को बर्बाद कर रहा है. लेकिन वन विभाग किसी की जान जाने पर मुआवजा देने की बात कहता है. पर क्षतिपूर्ति की भरपाई नहीं करता. ग्रामीण बताते हैं कि ऐसे में आने वाले समय में उन्हें खेती छोड़ देनी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है