हजारीबाग, लोहरदगा एवं खूंटी के किसान गढ़वा में बेच रहे हैं अपनी उपज, किसानों के लिये वरदान साबित हो रहा ई-नाम
वर्तमान में बाजार समिति गढ़वा में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार आदि राज्यों से सब्जी के थोक विक्रेता सब्जी मंगवाते हैं. यदि स्थानीय किसान स्वयं का बाजार न लगायें तथा थोक सब्जी विक्रेताओं को ही सब्जी बेचें तो भी भीड़ को नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी. किसानों को ई-नाम पोर्टल से गेहूं, तरबूज व हरी सब्जियां आदि की बिक्री करने से अच्छी कीमत मिल रही है.
Jharkhand News, Garhwa News गढ़वा : कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ई-नाम एक बार फिर किसानों के लिये वरदान साबित हो रहा है. राज्य के हजारीबाग, खूंटी एवं लोहरदगा के किसान बिना व्यापारियों एवं किसी अन्य के संपर्क में आये ई-नाम के माध्यम से कृषि उपज का ऑनलाइन व्यापार कर अच्छा मूल्य प्राप्त कर रहें हैं. वे भारत सरकार के डिजिटल पेमेंट गेट-वे के माध्यम से बैंक खाता में भुगतान प्राप्त कर रहे हैं.
वर्तमान में बाजार समिति गढ़वा में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार आदि राज्यों से सब्जी के थोक विक्रेता सब्जी मंगवाते हैं. यदि स्थानीय किसान स्वयं का बाजार न लगायें तथा थोक सब्जी विक्रेताओं को ही सब्जी बेचें तो भी भीड़ को नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी. किसानों को ई-नाम पोर्टल से गेहूं, तरबूज व हरी सब्जियां आदि की बिक्री करने से अच्छी कीमत मिल रही है.
वर्तमान में हजारीबाग के किसान उत्पादक समूह, चुरचू बाड़ी फल सब्जी उत्पादक समिति, चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी , खूंटी की तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड एवं लोहरदगा के किसान अपने कृषि उत्पाद गढ़वा बाजार समिति में ई-नाम प्लेटफार्म के माध्यम से बेच रहे हैं. बाजार समिति में थोक विक्रेताओं के लिए अलग ,खुदरा विक्रेताओं के लिए अलग और कुछ किसानों के लिए अलग व्यवस्था की गयी है.
Posted By : Sameer Oraon