खरौंधी प्रखंड के बजरमरवा गांव स्थित तालाब में पानी पंचायत योजना अंतर्गत तालाब का गहरीकरण कराया जा रहा है. यह काम करा रहे अध्यक्ष एवं सचिव पर उर्वरा मिट्टी किसानों के खेतों में न डालकर ग्रामीणों के घरों में देकर पैसा वसूली करने का आरोप है. पानी पंचायत योजना अंतर्गत बजरमरवा गांव में लगभग तीन लाख की लागत से तालाब का गहरीकरण करना था. इसके लिए आमसभा करायी गयी थी. इसमें अध्यक्ष समद अंसारी एवं सचिव परमेश्वर विश्वकर्मा को चुना गया था. तालाब के आधार तल से तीन फीट मिट्टी काटकर गहरीकरण करना था. इसमें तालाब से कटाव कर निकाली गयी उर्वरा मिट्टी किसानों के खेतों में निशुल्क डालनी थी. लेकिन इस मिट्टी को अध्यक्ष एवं सचिव ने ग्रामीणों को बेच दिया है.
किसान कुतुबुद्दीन अंसारी, इरफान अंसारी, अयोध्या साव, मुकेश गुप्ता, गुड्डी विश्वकर्मा, मुकेश गुप्ता, सूर्यदेव साह, शेषमन साह, भरत साव, नसीमुद्दीन अंसारी, सुनील साव,गंगा साव,सोहरा बीबी, इदरीश अंसारी, राजकेश्वर साव, संतोष साव, श्याम लाल गुप्ता व जगरनाथ गुप्ता ने बताया कि पानी पंचायत योजना अंतर्गत तालाब गहरीकरण में निकले लगभग दो हजार से ढ़ाई हजार ट्रैक्टर उर्वरा मिट्टी को दर्जनों लोगों से पैसा लेकर उन्हें दे दिया गया है. इस मिट्टी के लिए प्रति ट्रैक्टर 100-150 रुपये लिये गये है. किसानों ने बताया कि गुपचुप तरीके से ग्रामसभा कर समिति का चुनाव किया गया है. उनलोगों को आमसभा के बारे में पता भी नहीं है. तालाब गहरीकरण से निकली उर्वरा मिट्टी किसानों के खेतों में डालनी थी, इसकी जानकारी किसी ने उनलोगों को नहीं दी.
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