लैँप्स व पैक्स से नहीं मिल रहा खाद व बीज
लैँप्स व पैक्स से नहीं मिल रहा खाद व बीज
मॉनसून के आते ही भंडरिया व रमकंडा प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने खेतों की जुताई कर बीज लगाना शुरू कर दिया है. लेकिन किसानों को असली बीज मिल रहा है या नकली, इसे लेकर किसान आशंकित हैं. गत कुछ वर्षों से इस क्षेत्र के किसानों का मानना है कि पहले की अपेक्षा बीज की गुणवत्ता सही नही है. उल्लेखनीय है कि जिले के इस सुदूरवर्ती क्षेत्र भंडरिया व रमकंडा में गली-गली में अवैध रूप से खाद व बीज की दुकानें खुल गयी है. बगैर लाइसेंस के ही खाद व बीज बेचने वाले दुकानदार किसानों को सस्ते दामों पर बेहतर गुणवत्ता की बात कहकर बीज व खाद बेच रहे हैं. सस्ते दामों के चक्कर में किसान ठगे जा रहे हैं. वहीं अवैध रूप से चल रहे खाद व बीज के दुकानों पर संबंधित अधिकारियों की चुप्पी से यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जिले के खरौंधी में असली पैकेट में नकली बीज बेचे जाने का मामला सामने आया था. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की जांच में नकली बीज बेचे जाने की पुष्टि हुई थी. वहीं इस मामले पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी.
लैंप्स से नही मिल रहा खाद-बीज : भंडरिया प्रखंड के भंडरिया, करचाली, मदगड़ी(क), बिजका, फकिराडीह व जनेवा पंचायत में लैंप्स का संचालन होता है. लेकिन जनेवा पंचायत के लैंप्स को छोड़ इस प्रखंड के किसी अन्य लैंप्स से खाद-बीज नही मिल रहा है. मजबूरी में किसान अवैध दुकानों से बीज व ऊंचे दामों पर खाद की खरीदारी करने को विवश हैं. किसान सह पूर्व जीप सदस्य रामजीत सिंह, जीवंती लकड़ा, संतोष कुमार व रामप्रवेश राम सहित अन्य किसानों ने बताया कि दो साल पहले तक प्रखंड कार्यालय व लैंप्स से खाद व बीज अनुदान पर मिलता था. लेकिन अब इन केंद्रों से बीज नही मिलने से उन्हें व इस क्षेत्र के किसानों को ऊंचे दामों पर उर्वरक व बीज खरीदना पड़ता है. लेकिन बीज असली है या नकली इस पर भी संदेह रहता है.
पैक्स अध्यक्ष अपनी निजी दुकान से बेच रहे सरकारी खाद-बीज : किसानों को सस्ते दर पर उर्वरक व बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रमकंडा प्रखंड मुख्यालय में संचालित एकमात्र पैक्स बंद है. जबकि पैक्स से किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक व बीज नही मिल रहा है. जबकि सरकार की ओर से रमकंडा पैक्स को उर्वरक व बीज उपलब्ध कराया गया है. मिली जानकारी के अनुसार पैक्स अध्यक्ष विनय प्रसाद सरकार की ओर से उपलब्ध कराये गये उर्वरक व बीज को अपनी निजी दुकान से बेच रहे हैं. जबकि पैक्स केंद्र से उर्वरक व बीज की बिक्री की जानी है. इधर पैक्स केंद्र बंद रहने से रमकंडा प्रखंड के 33 गांवों के किसान दूसरी जगहों से बगैर लाइसेंस के चल रही दुकानों से ऊंचे दामों पर उर्वरक व बीज की खरीदारी कर रहे है. किसान बताते हैं कि रमकंडा पैक्स अध्यक्ष के निजी दुकान से भी उर्वरक ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है. जबकि पैक्स में किसानों को 266 रुपये में एक बोरी यूरिया व 1250 रुपये में डीएपी उर्वरक उपलब्ध कराया जाना है.अवैध दुकानों पर छापेमारी कर कार्रवाई होगी: डीएओ
पैक्स सेंटर से ही बिक्री होनी है: डीसीओ
इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी ने कहा कि लैंप्स-पैक्स से ही उर्वरक व बीज की बिक्री की जानी है. अगर निजी दुकान से ऐसा हो रहा है, तो वे इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगी. वहीं सरकारी दर से अधिक वसूली की भी जांच होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है