Garhwa private school : 16 निजी विद्यालयों के सामने आर्थिक संकट, कर्ज लेकर चला रहे हैं परिवार
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद रहने से डंडई प्रखंड के16 निजी विद्यालय के शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गयी है़
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद रहने से डंडई प्रखंड के 16 निजी विद्यालय के शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गयी है़ स्कूलों का संचालन प्रत्येक बच्चों से ली जानेवाली मासिक फी से होती है. लेकिन फी का कलेक्शन नहीं होने से विद्यालयों की स्थिति चरमरा गयी है़
स्कूल बंद रहने व फी नहीं मिलने से स्कूल के प्रबंधकों की ओर से शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है़ इस वजह से शिक्षकों के सामने भुखमरी की नौबत आ गयी है. डंडई प्रखंड में 16 निजी स्कूल है. इन स्कूलों में दर्जनों की संख्या में शिक्षक कार्यरत हैं. स्कूल बंद होने के बाद भी अधिकांश स्कूल के शिक्षक ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दे रहे है़ं
निजी स्कूल के शिक्षक सरकार से किसी तरह का पैकेज नहीं मिलने और वेतन भुगतान बंद हो जाने से काफी परेशान है़ं प्रखंड के लवाही कला गांव के आदर्श पब्लिक स्कूल के शिक्षक विनय प्रसाद गुप्ता ने बताया कि छह महीने का वेतन उन्हें नहीं मिला है. विद्यालय के निदेशक कहते हैं कि अभिभावकों की ओर से सत्र 2019 -2020 मार्च क्लोजिंग तक का भी शुल्क नहीं आ पाया है. इस वजह से अभी भुगतान नहीं किया जायेगा़
इस स्थिति की वजह से वे बहुत परेशान हैं. पैराडाइज पब्लिक स्कूल में विज्ञान शिक्षक उपेंद्र कुमार रवि ने बताया कि वे छह साल से विद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. उन्होंने अभी चार माह से वेतन नहीं मिला है. कब तक वेतन मिलेगा इसकी कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है. उनके पास के सभी पैसे खत्म हो चुके हैं. किसी तरह कर्ज लेकर परिवार चला रहे हैं.
इस तरह शिक्षक गयासुद्दीन अंसारी, मुन्ना कुमार, राजेंद्र कुमार, बिंदु कुमार रवि आदि ने सरकार से मांग की कि जब तक कोरोना काल समाप्त नहीं हो जाता है, तब तक उन लोगों को राहत पैकेज उपलब्ध करया जाये, ताकि वे आर्थिक संकट से बच सकें.
सेवा भाव से संचालित होता है विद्यालय : ऋषि राज
इस संबंध में निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष ऋषि राज कुमार ने बताया कि अंचल क्षेत्र में संचालित निजी स्कूल सेवा के भाव से संचालित किये जाते हैं. मुश्किल से 100 से 250 रुपये मासिक शुल्क होते हैं. वह भी अभिभावक भुगतान नहीं कर रहे है़ं
posted by : sameer oraon