सदर अस्पताल में गुरुवार की रात इलाज के दौरान सड़क दुर्घटना में घायल मजदूर साधु राम की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मृतक के परिजनों ने इमर्जेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक पर साधु राम के इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया है. इसे लेकर मृतक के पुत्र विकेश राम ने गढ़वा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है. गौरतलब है कि गढ़वा थाना क्षेत्र के हूर मोड़ के समीप गुरुवार की रात में मजदूरों को लेकर जा रहे एक ऑटो के पलटने से उसमें सवार मजदूर पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के ओड़नार गांव के जोगियाहा टोला निवासी मंगरु राम का पुत्र साधु राम (50 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसे गंभीर हालत में गुरुवार रात 8:42 बजे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन उसके परिजनों के अनुसार प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल के चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों ने उसके इलाज पर ध्यान नहीं दिया. रात 10:00 बजे उसकी हालत बिगड़ने पर परिजन ड्यूटी में तैनात नर्स के पास गये, तो उसने इमर्जेंसी में बैठे चिकित्सक के पास जाने को कह दिया. जबकि इमर्जेंसी ड्यूटी में तैनात डॉ जेपी ठाकुर ने मरीज के परिजनों को कहा कि क्या इलाज करना है, यह नर्स को बता दिया गया है. परिजन भाग-दौड़ करते रहे, इस दौरान घायल साधु राम की हालत बिगड़ती चली गयी और रात करीब 10:30 बजे उसने दम तोड़ दिया. तब चिकित्सक डॉ जेपी ठाकुर ने वार्ड में पहुंचकर साधु राम को मृत घोषित किया. इसके बाद मृतक के परिजन भड़क गये. उन्होंने चिकित्सक के साथ भी अभद्र व्यवहार किया. मृतक के पुत्र विकेश राम ने बताया कि सदर अस्पताल के चिकित्सक ने न तो इलाज किया और न ही हायर सेंटर रेफर किया. समुचित इलाज किया जाता, तो उसके पिता की मौत नहीं होती. इस मामले में दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसके लिए जरूरत पड़ने पर न्यायालय भी जायेंगे
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