झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दूबे ने शुक्रवार को शहर के चिनिया रोड स्थित होटल पद्मावती में प्रेसवार्ता कर पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी पर पलटवार किया है. केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दुबे ने कहा कि पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने विधायक निधि की 50 करोड़ की राशि भी चेक स्लिप के माध्यम से खा-पका ली. वर्तमान में पूरे गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों पर श्री तिवारी योजनाओं को लेकर झूठी टिप्पणी व मसखरी करते फिर रहे हैं. जबकि गत दिनों ही माननीय न्यायालय ने उनकी कंपनी कलावती कंस्ट्रक्शन तथा उन्हें कंपनी के निदेशक के तौर पर अलकतरा घोटाले में दोषी पाया है. पूर्व विधायक 1999 से लेकर 2015 तक कलावती कंस्ट्रक्शन के निदेशक रहे थे. 2009 में विधायक बनने के बाद भी वह कंपनी में लाभ के पद पर आसीन रहे. जब उनकी कंपनी पर अलकतरा घोटाला का आरोप लगा और इस मामले में पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को जेल जाना पड़ा, तो खुद को बचाने के लिए उन्होेंने अपने ही रिश्तेदार को कंपनी का निदेशक बनाकर सारा दोष उनपर मढ़ दिया. जो व्यक्ति अपने स्वार्थ में परिवार का नहीं हुआ, 10 साल विधायक रहते हुए क्षेत्र और जनता का नहीं हुआ, उससे भविष्य में किसी तरह की उम्मीद करना ही बेकार है. उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में अलकतरा घोटाला केस से बचने के लिए भाजपा में शामिल हो गये तथा घोटाला का आरोप लगने और दो वर्ष जेल काटने के बाद माननीय न्यायालय में यह हलफनामा देते हैं कि उन्होंने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन डेढ़ दशक तक कंपनी के निदेशक पद पर रहने के बाद आरोप लगते ही क्यों इस्तीफा दे दिया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
विधायक रहते लाभ के पद पर रहे : श्री दूबे ने कहा कि 2009 से 2015 तक विधायक रहते हुए अपने ही कंपनी में लाभ के पद पर बने रहे तथा सरकारी ठेकों में उनकी कंपनी काम करती रही, इसके विरुद्ध झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग करेगा. प्रेसवार्ता में शिक्षा प्रतिनिधि अशर्फी राम, गढ़वा प्रखंड प्रमुख फैजूल अंसारी व नवादा मुखिया सुरेंद्र यादव मौजूद थे.
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