गढ़वा को चाहिए 40 मेगवाट बिजली, मिल रहा है पांच मेगावट
गढ़वा को चाहिए 40 मेगवाट बिजली, मिल रहा है पांच मेगावट
रविवार को भगोडीह सेंट्रल ट्रांसमिशन लाइन के चार टावर ध्वस्त होने के बाद गढ़वा जिले में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. शनिवार की शाम उत्पन्न व्यवधान के 24 घंटे के बाद रविवार की देर शाम एक घंटे के लिए बिजली की आपूर्ति की गयी थी. इसके बाद रोटेशन के आधार पर अलग-अलग क्षेत्र में लोगों को आधा घंटा या एक घंटा बिजली मिल रही है. ताकि पेयजल संकट न हो. जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम आयी तेज आंधी के बाद बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गयी थी. इसके बाद रविवार को फिर आयी तेज आंधी में सेंट्रल ट्रांसमिशन लाइन के चार टावर ध्वस्त हो गये. इसके बाद से गढ़वा जिले में बिजली का गंभीर संकट हो गया है. चिलचिलाती धूप और गर्मी में बिजली नहीं मिलने से लोगो की परेशानी बढ़ गयी है.
गढ़वा को चाहिए 40 मेगावाट बिजली
मिली जानकारी के अनुसार गढ़वा जिले को 40 मेगावाट बिजली की जरूरत है. लेकिन वर्तमान में मात्र पांच मेगावाट बिजली मिल रही है. जो रोटेशन के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में वितरित की जा रही है. बिजली विभाग के विधायक प्रतिनिधि नसीम अख्तर ने कहा कि रिहंद उत्तर प्रदेश से बिजली की मांग की गयी है. वहां की ट्रांसमिशन लाइन में में मेंटेनेस का काम हो रहा है. उम्मीद है कि तीन दिनों के बाद वहां से भी कुछ बिजली मिलने लगेगी, तो वर्तमान बिजली आपूर्ति की अवधि बढ़ सकती है.एक महीने में टावर बनने की उम्मीद नहीं : जानकारों के अनुसार बिजली विभाग द्वारा एक महीने में चार ध्वस्त टावर खड़ा कर लिये जाने का दावा सहीं नहीं है. क्योंकि चार टावर के लिए 16 फाउंडेशन तैयार होगा, जिसपर टावर खड़ा किया जायेगा. एक टावर का फाउंडेशन तैयार होने में 10-15 दिन लगेगा. इस हिसाब से 60 दिन फाउंडेशन तैयार करने में लग जायेंगे. उसके बाद चार टावर खड़ा करने में भी समय लगेगा.