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गढ़वा में पुलिस ने मजदूरों को भूखे-प्यासे 10 घंटे रखा हिरासत में, 10 हजार रुपये लेने का आरोप

गढ़वा में पुलिस ने केंदू पत्ता तोड़ने के आरोप में 15 मजदूरों को 10 घंटे तक भूखे-प्यासे हिरासत में रखा. आरोप है कि मजदूरों को 10 हजार रुपये लेने के बाद उन्हें छोड़ा गया.

गढ़वा जिले के भंडरिया थाना के बिजका पिकेट प्रभारी निरंजन पासवान ने केंदू पत्ता तोड़ कर अपने घर लौट रहे 15 मजदूरों को भूखे-प्यासे बिजका पिकेट में 10 घंटे हिरासत में रखा. आरोप है कि पिकेट प्रभारी ने मजदूरों से केंदू पत्ता तोड़ने के एवज में 10 हजार रुपये लेने के बाद देर शाम उन्हें छोड़ा. वहीं पिकेट से छोड़ने के दौरान केंदू पत्ता के एक खास संवेदक के सेंटर में केंदू पत्ता बेचने की चेतावनी दी गयी. ऐसा नही करने वाले ग्रामीणों को केंदू पत्ता चोरी के आरोप में जेल भेजने की धमकी दी गयी है.

क्या है मामला

दरअसल, घटना शनिवार की सुबह की है. रविवार को पूरे मामले की जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि भंडरिया थाना क्षेत्र के फकीराडीह गांव के रहने वाले मजदूरों ने बताया कि लोग शनिवार की सुबह गांव के बिजका जंगल से केंदू पत्ता तोड़कर लौट रहे थे. पत्ते का बोझा भारी होने के कारण उसे बाइक व टेंपो पर लादकर लाने के दौरान उन्हें रोक दिया. दरअसल बिजका पिकेट प्रभारी ने केंदू पत्ता चोरी करने का आरोप लगाकर उन्हें रोका. ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान प्रभारी के साथ रहे केंदू पत्ता क्रय केंद्र से जुड़े मुंशी के कहने पर पिकेट प्रभारी ने अन्य मजदूरों को छोड़ दिया. जबकि उसी मुंशी के कहने पर प्रभारी ने उन्हें हिरासत में ले लिया. बताया कि छोड़े गये अन्य मजदूर भी बाइक और अन्य साधनों से केंदू पत्ता तोड़कर गांव लौट रहे थे.

ग्रामीण हर वर्ष पत्ता तोड़ने का काम करते हैं

ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने हर वर्ष की तरह इस बार भी गांव के बिजका जंगल में केंदू पत्ता तोड़ने का काम शुरू किया है. इस व्यवसाय से उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि तीन बाइक व एक टेंपो पर 15 मजदूर केंदू पत्ता तोड़कर लौट रहे थे. मजदूरों ने बताया कि गांव में केंदू पत्ता का दो क्रय केंद्र खुला है. जो केंद्र नजदीक है, वे वहां केंदू पत्ता बेचते हैं. लेकिन एक केंदू पत्ता केंद्र के मुंशी के कहने पर प्रशासन दूसरे संवेदक के सेंटर में बेचने का दबाव बना रहा है.

ग्रामीणों का आरोप वसूले 10 हजार रुपये

ग्रामीणों ने बताया कि केंदू पत्ता तोड़कर लौट रहे चार ग्रामीणों से 10 हजार रुपये वसूले गये हैं. इनमें टेंपो पर केंदू पत्ता की मोटरी लादकर ला रहे शिवनाथ चौधरी से चार हजार तथा बाइक पर पत्ता ला रहे रामचंद्र चौधरी, अशोक चौधरी व संतोष चौधरी से दो-दो हजार रुपये वसूली के बाद उन्हें पिकेट से छोड़ा गया.


आरोप गलत, संवेदक ने लिखित शिकायत की थी : प्रभारी

इस संबंध में पूछे जाने पर बिजका पिकेट प्रभारी निरंजन पासवान ने कहा कि ग्रामीणों का आरोप गलत है. संवेदक राकेश गुप्ता ने भंडरिया थाने में बिजका जंगल से तोड़े गये केंदू पत्ता को दूसरे संवेदक के यहां बेचे जाने की शिकायत की थी. भंडरिया इंस्पेक्टर के कहने पर उन्होंने मामले की जांच की. लेकिन पैसे की वसूली नही की है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को समझाया है कि जिस जंगल का टेंडर हुआ है. वे लोग संबंधित संवेदक के केंद्र में ही केंदू पत्ते की बिक्री करें. ऐसा नहीं करने के कारण संवेदक को रोज नुकसान हो रहा है.

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