छात्राओं का नहीं होता नामांकन, छोड़नी पड़ती है पढ़ाई
छात्राओं का नहीं होता नामांकन, छोड़नी पड़ती है पढ़ाई
एक तरफ सरकार छात्राओं के शिक्षित करने को प्रोत्साहित करती है. इसके लिए कई योजनाएं चला रही है. वहीं दूसरी ओर प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीय उच्च विद्यालय रमना में छात्राओं का नामांकन ही नहीं लिया जाता है. उल्लेखनीय है कि प्रखंड मुख्यालय का यह अकेला राजकीयकृत उच्च विद्यालय है. इस विद्यालय में छात्राओं का नामांकन शुरू से ही नहीं लिया जा रहा है. इस कारण अभिभावकों को मजबूरी में अपनी बच्चियों को यहां के एक निजी विद्यालय में नामांकन कराना पड़ता है. वहां उन्हें नामांकन शुल्क के साथ मासिक शुल्क का भी भुगतान करना पड़ता है. शुल्क लगने के कारण सभी अभिभावक अपनी बच्चियों को निजी विद्यालय में नामांकन नहीं करा पाते. इस कारण स्थानीय लड़कियों की प्रतिभा कुंठित हो रही है. आठवीं बोर्ड की परीक्षा पास करने के बाद गरीब छात्राओं की पढ़ाई बीच में ही बंद हो जा रही है. इसे लेकर स्थानीय अभिभावकों में काफी रोष देखा जा रहा है. उनका कहना है कि यह छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. सरकारी विद्यालय में नामांकन नहीं होने के कारण जो छात्राएं स्थानीय बालिका उच्च विद्यालय रमना में अपना नामांकन कराती हैं. वहां उन्हें नामांकन शुल्क के साथ प्रति माह 150 रुपये मासिक शुल्क भी देना पड़ता है. साथ ही उन्हें यहां सरकार द्वारा मिलनेवाली छात्रवृत्ति व निशुल्क पुस्तक सहित अन्य तरह की सरकारी सुविधा से वंचित होना पड़ता है.
क्या कहा अभिभावकों नेइस संबंध में बाजार निवासी अभिभावक मनोज कुमार, उपेंद्र गुप्ता, राजेश गुप्ता, स्टेशन रोड निवासी शिव लखन प्रसाद, सिलीदाग पंचायत के बिवाटीकर टोला निवासी सुग्रीव साह, भोला साह, मनोज राम व अशोक उरांव ने बताया कि वर्ग आठवीं के बाद वे लोग स्थानीय उच्च विद्यालय रमना में अपनी बेटियों के नामांकन के लिए गये थे. लेकिन दुर्भाग्यवश उनका नामांकन नहीं हो रहा है. मजबूरी में उन्हें या तो यहां के निजी विद्यालय बालिका उच्च विद्यालय में नामांकन कराना पड़ेगा या उनकी पढ़ाई बंद करा देनी होगी. गौरतलब है कि आठवीं बोर्ड का रिजल्ट अभी एक सप्ताह पूर्व आया है. इसके बाद अभिभावक अपने बच्चियों की आगे की पढ़ाई को लेकर परेशान हैं.
इस संबंध में पूछे जाने के बाद राजकीयकृत उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अजय सेठ ने बताया कि विद्यालय में चहारदीवारी और पर्याप्त शिक्षकों के न होने के कारण छात्राओं का नामांकन गत कई वर्षो से नहीं लिया जा रहा है. वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद ही नामांकन लिया जा सकेगा.
जल्द ही छात्राओं का होगा नामांकन : डीइओइस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी आकाश कुमार ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. जल्द ही सभी छात्राओं को नि:शुल्क रूप से नामांकन कराया जायेगा.
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