सीएचसी भवनाथपुर के सामने स्थित दवा दुकान से बरामद हुई सरकारी दवा

सीएचसी भवनाथपुर के सामने स्थित दवा दुकान से बरामद हुई सरकारी दवा

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2024 9:27 PM

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भवनाथपुर की सरकारी दवाओं को अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से निजी दवा दुकान में बेचने का मामला उजागर हुआ है. इसकी खबर फैलते ही इसमें शामिल कर्मी भाग खड़े हुए. यह घटना यहां स्वास्थ्य विभाग में चर्चा का विषय बनी है. विदित हो कि शनिवार को भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 10 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को 15 प्रकार की दवाएं संबंधित स्वास्थ्य उपकेंद्र के कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को दी गयी थी. लेकिन इनमें से दो सीएचओ ने उक्त सरकारी दवाएं स्वास्थ्य उपकेंद्र ले जाने के बजाय इसे सीएचसी के सामने स्थित अशोक मेडिकल में दे दी. मकरी निवासी समाजसेवी बाला प्रसाद यादव ने अशोक मेडिकल में सरकारी दवाएं बेचते सीएचओ को देखा. उन्होंने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पत्रकारों को दी. सूचना मिलते ही पत्रकार अशोक मेडिकल पहुंचे. वहां अशोक मेडिकल में दो बड़ी गुलाबी पॉलिथीन में सरकारी दवाएं रखी पायी गयी. अशोक मेडिकल के संचालक पंकज जायसवाल उर्फ टिंकू से दवाओं के बारे में पूछताछ करने पर उन्होंने कहा कि दो लड़कियों ने ये दवाएं यहां लाकर रखी है. लकिन वह उन्हें नहीं पहचानते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे दोनों लड़कियां उनके मकान में किरायेदार हैं. अशोक मेडिकल में सरकारी दवा बेचने की सूचना मिलने पर लिपिक अरुण लकड़ा ने मेडिकल दुकान से दवाएं जब्त कर अस्पताल में मंगा ली.

15 प्रकार की दवाएं थी : सीएचसी भवनाथपुर से जो दवाएं वितरित की गयी थी, उसकी जानकारी देते हुए अस्पताल के प्रधान लिपिक अरूण लकड़ा ने बताया कि शनिवार को रपुरा सीएचओ प्रतिमा कुमारी और अमरोरा सीएचओ विनिता कुमारी को ये दवाएं दी गयी थी. इसमें टेलकी साटन 40 (20 एमजी), एटनोल, एस्प्रिन, प्रोलोपिडा के अलावे बीपी, शुगर व हार्ट सहित अन्य 15 प्रकार की दवाएं थी.

कुछ भी बोलने से बचती रही : मेडिकल दुकान में दवा रखने के सवाल पर सीएचओ प्रतिमा कुमारी व विनिता कुमारी से जब प्रतिक्रिया ली गयी, तो वे दोनों कुछ भी बोलने से बचती रहीं. उन्होंने कहा कि पता नहीं, वहां दवा कैसे रख दी गयी.

जांच कर कार्रवाई की जायेगी : इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजन दास ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मेडिकल दुकान में सरकारी दवा रखना काफी गंभीर विषय है. यदि ऐसा हुआ है, तो इसकी जांचकर कार्रवाई की जायेगी.

एक माह पूर्व एक ट्रैक्टर दवा बरामद हुई थी : कांडी प्रखंड में एक माह पूर्व एक ट्रैक्टर सरकारी दवा खुटहेरिया पंचायत में बरामद की गयी थी. वह दवा किसने कहां से लायी थी, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है. इस बीच भवनाथपुर में सरकारी दवा बेचने का मामला प्रकाश में आया है. इससे स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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