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बांग्लादेश में हमले रोकने के लिए तत्काल कदम उठाये भारत सरकार

बांग्लादेश में हमले रोकने के लिए तत्काल कदम उठाये भारत सरकार

गढ़वा. बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ गढ़वा जिले के विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने गुरुवार को सामूहिक रूप से शहर के काली स्थान पर धरना दिया. धरना के बाद सभी संगठनों ने काली स्थान से चिनिया रोड से होते हुए जुलूस निकाला और समाहरणालय पहुंच कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद उपायुक्त के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक पांच सूत्री मांगपत्र भेजा गया. इसमें बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर लगातार हो रहा अत्याचार बंद करने के लिए भारत सरकार से तत्काल प्रभाव से कदम उठाने और इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्णदास को कारावास से अविलंब मुक्त करने, बांग्लादेश में रहनेवाले हिंदू, सिख, जैन व बौद्धों को पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करने, उनके परिवार, बेटी-बहनों के साथ अमानवीय अत्याचार करनेवाले कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा बांग्लादेश की अल्पसंख्यक विरोधी घटना के विरोध में वैश्विक माहौल बनाकर उसपर दबाव बनाने की पहल करने की मांग शामिल है. सबकुछ सरकार के संरक्षण में हो रहा है : इसके पूर्व धरनास्थल पर वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में मो युनूस के नेतृत्व वाली सरकार बनते ही वहां हिंदू सहित वहां रहनेवाले जैन, बौद्ध व सिख सहित सभी अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार किये जा रहे हैं. वहां रहनेवाले अल्पसंख्यकों के घरों को जला दिया जा रहा है. लोगोें की नृशंस हत्याएं की जा रही हैं. महिलाओं-बेटियों के साथ कट्टरपंथी मुस्लिम अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं. लेकिन वहां की सरकार पूरी तरह से मूकदर्शक बनी है. इससे साबित होता है कि वहां सबकुछ सरकार के संरक्षण में हो रहा है. सरकार जानबूझकर हिंदुओंं को वहां से भगाने अथवा जबरन इस्लाम कबूल करने को विवश कर रही है. नेता इस मुद्दे पर पूरी तरह से मौन : ताज्जुब की बात है कि मानवाधिकार के लिए काम करनेवाले संगठन और विश्व बिरादरी समुदाय इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ कोई पहल नहीं कर रऐ हैं. वक्ताओं ने इसके लिए देश के विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बात-बात पर अल्पसंख्यक का मुद्दा उठाकर चिल्लाने वाले देश के नेता इस मुद्दे पर पूरी तरह से मौन हैं. उन्हें बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही बर्बरता कोई मुद्दा नहीं लग रहा. वक्ताओं ने कहा कि गढ़वा जिला के सभी धार्मिक व सामाजिक संगठन इस विषम परिस्थिति में बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय के साथ है. यदि भारत सरकार इस घटना को रोकने के लिए शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाती है, तो सभी संगठन सड़कों पर उतरकर इसे जनांदोलन का रूप देने को बाध्य होंगे. इन्होंने किया संबोधित : धरना सभा को विहिप नेता साेनू सिंह, आदिवासी कल्याण केंद्र के उपेंद्र राम, इस्कॉन के गोरांग शक्तिदास, पातंजलि योग समिति के अरुण कुमार मिश्र उर्फ फलाहारी बाबा, राकेश कुमार पाठक, पिंटू कुमार प्रजापति, संतोष कुमार पांडेय व काशी महतो ने संबोधित किया. धरना में विभिन्न सामाजिक संगठन के लोग शामिल थे.

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