गढ़वा : एक महीने में उखड़ने लगी नौ करोड़ की सड़क का गार्डवाल का प्लास्टर

ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक के मुंशी की ओर से निर्माण कार्य का विरोध करने पर झूठे केस में फसाने की धमकी दी जाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2023 6:21 AM

मुकेश तिवारी, रमकंडा:

रमकंडा प्रखंड के कुशवार गांव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नौ करोड़ की लागत से बननेवाले गोबरदाहा से होमिया तक की सड़क में बनाये गये गार्डवाल का प्लास्टर एक महीने में उखड़ने लगा. ऐसे में एक महीने में ही प्लास्टर के उखड़ने से निर्माण कार्य में अनियमितता की पोल खुलने लगी. शुरुआत से निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का विरोध के बावजूद सुधार नहीं होता देख शुक्रवार को कुशवार गांव के ग्रामीणों ने इस योजना में 2.5 किमी बनने वाली पीसीसी सड़क निर्माण को रोक दिया. निर्माण कार्य रोके जाने की सूचना पर पहुंचे जेई के असिस्टेंट ने ग्रामीणों से बात की. लेकिन गुणवत्ता में सुधार का आश्वासन नहीं मिला.

ऐसे में ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मानक के अनुरूप निर्माण कार्य नही होगा. तब तक पीसीसी की ढलाई नहीं होने दी जायेगी. घटिया निर्माण कार्य पर रोक लगाने पहुंचे स्थानीय ग्रामीण सुनील साव, नन्दा साव, मंथन सिंह, जयराम सिंह, बिनोद सिंह, विशेष सिंह, मंसूर मंसूरी, जावेद मंसूरी, जेठू सिंह, प्रदीप लोहरा, कुलदीप लोहरा, पचू सिंह आदि ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में पिछले एक महीने से कनीय अभियंता प्रेमतोष कुमार के गायब रहने से घटिया बालू व मिनी प्लांट के सीमेंट से सड़क का गार्डवाल बनाया गया. जिसका प्लास्टर एक महीने में ही उखड़ने लगा है. अगर इसी तरह घटिया सामग्री से पीसीसी की ढलाई हो जाने से जल्द ही सड़क टूट जायेगी.

ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक के मुंशी की ओर से निर्माण कार्य का विरोध करने पर झूठे केस में फसाने की धमकी दी जाती है. वहीं घटिया निर्माण कार्य के विषय में जानकारी देने वाले मजदूर व राजमिस्त्री को निर्माण कार्य से बाहर निकाल दिया जाता है. ताकि अनियमितता के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं मिल सके. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में बगैर आरसीसी के ही ह्यूम पाइप लगा दिया गया. वहीं प्राक्कलन के विपरीत पीसीसी सड़क की ढलाई किये जाने की तैयारी संवेदक की ओर से की गयी है.

निर्माण कार्य से गायब रहते हैं कनीय अभियंता

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य से जुड़े कनीय अभियंता प्रेमतोष कुमार निर्माण स्थल पर नही पहुंचते हैं. जेइ के असिस्टेंट निर्माण स्थल पर कभी कभार पहुंचते हैं. ऐसे में घटिया सामग्री से हो रहे निर्माण कार्य का विरोध करने पर ग्रामीणों की बात को अनसुना कर दिया जाता है. वहीं मानक के अनुरूप कार्य होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया जाता है. वहीं अब तक इसमें सुधार नहीं किया गया है.

संवेदक ने विद्यालय भवन के कमरे में किया कब्जा

इस सड़क निर्माण कार्य के संवेदक ने प्राथमिक विद्यालय नावापारा के भवन को कब्जे में ले रखा है. पिछले एक महीने से संवेदक ने उक्त विद्यालय भवन की एक कमरे में सीमेंट की बोरिया, डीजल, पेट्रोल की डब्बे रखकर पिछले डेढ़ महीने से उक्त भवन के कमरे को कब्जा किया हुआ है. वहीं विद्यालय के बच्चे कमरे के अभाव में कमरे के बाहर बैठकर पढ़ाई कर रहे थे. यद्यपि पिछले कुछ दिनों से विद्यालय में छुट्टी है. इसकी जानकारी देते हुए विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष नंदा प्रसाद ने बताया कि प्रधान शिक्षा मित्र छोटू कोरवा ने उन्हें इसकी जानकारी दिये बगैर ही विद्यालय भवन का चाभी संवेदक को सौंप दिया है. वहीं संवेदक की ओर से इसका उपयोग किया जा रहा है. वहीं बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई. वहीं भवन के कमरे में सीमेंट रखने के कारण कमरा पूरी तरह से गंदा हो गया है. इसके अलावा पढ़ाई के लिये बनाया गया ब्लैक बोर्ड भी खराब हो गया है.

झूठ बोल रहे हैं ग्रामीण, गुणवत्ता पूर्ण हो रहा निर्माण कार्य: ईई

इस संबंध में पूछे जाने पर पीएमजीएसवाई के कार्यपालक अभियंता धर्मेन्द्र सिंह ने कहा की दो दिन पहले स्वयं से उक्त निर्माण स्थल का निरीक्षण किया गया है. गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया गया है. वहां के ग्रामीण झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का आरोप गलत है. कनीय अभियंता की उपस्थिति में निर्माण कार्य हो रहा है.

रमकंडा : मिट्टी युक्त काला बालू से हो रही सड़क की ढलाई

इधर रमकंडा प्रखंड के हरहे पंचायत के अधीन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 4.75 करोड़ की लागत से बनने वाले कसमार से कुट्टी तक कि सड़क निर्माण में मिट्टी युक्त काला बालू से पीसीसी सड़क की ढलाई की जा रही है. वहीं निर्माण स्थल से कनीय अभियंता गायब मिले. शुक्रवार को उक्त योजना में कुट्टी गांव में पीसीसी सड़क की ढलाई हो रही थी. ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क में बालू की गुणवत्ता में सुधार को लेकर कार्यपालक अभियंता से भी कई बार शिकायत की गयी, लेकिन सुधार नहीं हुआ. वहीं कभी कभार कनीय अभियंता के असिस्टेंट पहुंचते हैं. लेकिन बालू की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ.

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