चिनिया. चिनिया का गुरु सिंधु जलप्रपात न सिर्फ गढ़वा जिला बल्कि आसपास के राज्यों के लोगों के लिए भी बेहतर पर्यटन स्थल है. यहां झारखंड और छत्तीसगढ़ को बांटनेवाली कनहर नदी तब झरने के रूप में गिरती है, तो मनोहर दृश्य उत्पन्न होता है. उपर से गिरता हुआ पानी का फुहारा सूर्य की रोशनी में सतरंगी रंग बिखेरता है. नदी के दोनों ओर दीवार की तरह पत्थर काटकर झरने के रूप में पानी बहता रहता है. चारों ओर सघन वन से आच्छादित प्रकृति की गोद में बसे इस जलप्रपात के पास जो भी सैलानी पहुंचता है, वह पूरी तरह मोहित हो जाता है. लोग यहां के मनोरम दृश्य को देखकर लोग अपने मोबाइल में कैद करने पर विवश हो जाते हैं. वैसे तो इस पर्यटन स्थल पर सैलानी सालों भर आते रहते हैं. लेकिन नये वर्ष के अवसर पर यहां पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है. जो भी सैलानी यहां आते हैं यहां की मनोरम प्राकृतिक छटा देखकर मोहित हो जाते हैं. यहां झारखंड के अलावे यूपी, बिहार व छत्तीसगढ़ से भी पर्यटक पिकनिक मनाते हैं और प्राकृतिक वादियों का आनंद लेते हैं. गढ़वा से 42 किमी दूर है गुरु सिंधु जलप्रपात गुरु सिंधु जलप्रपात जिला मुख्यालय से करीब 42 किमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में है. यहां सड़क मार्ग से ही आया जा सकता है. झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में सूचीबद्ध किये जाने के बाद पर्यटन विभाग की ओर से नदी तट पर गाड़ी पार्किंग के लिए रेलिंग एवं पार्क निर्माण कराया जा रहा है. गढ़वा से आने-जाने के लिए चिनिया से गुरु सिंधु तक सड़क का कालीकरण किया गया है. नीचे नदी के टापू पर उतरने के लिए सीढ़ी की ढलाई की गयी है. लेकिन यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है. यहां आनेवाले सैलानी दिन में पर्यटन का लुत्फ उठाकर शाम होने से पहले वापस हो जाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है