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छात्रवृत्ति का उद्देश्य ड्रॉपआउट बच्चों की स्कूल वापसी व शिक्षा को बढ़ावा देना है

छात्रवृत्ति का उद्देश्य ड्रॉपआउट बच्चों की स्कूल वापसी व शिक्षा को बढ़ावा देना है

मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत ई कल्याण पोर्टल से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए जिला कल्याण पदाधिकारी धीरज प्रकाश की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में जिलास्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इस एक दिवसीय प्रशिक्षण में प्री मैट्रिक छात्रवृति फार्म के ऑनलाइन आवेदन से संबंधित सभी बिंदुओं पर चर्चा की गयी तथा छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया की जानकारी दी गयी. प्रशक्षिक ने बताया कि इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य ड्रॉपआउट बच्चों की स्कूल वापसी और बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देना है. छात्रवृत्ति फार्म के ऑनलाइन आवेदन के दौरान कक्षा संबंधित दस्तावेजों और योग्य बच्चों की केटेगरी को पीपीटी के माध्यम से बताया गया. बताया गया कि शैक्षणिक सत्र 2024- 25 में स्कूलों में नामांकित सभी अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस वर्ष जिले का लक्ष्य लगभग 1.50 लाख तय किया गया है. कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक तथा पिछड़ी जाति के बच्चों को दो प्रकार की छात्रवृत्ति दी जाती है. इसमें पहली से दसवीं कक्षा के बच्चों के लिए प्री मैट्रिक और 11वीं से लेकर उच्चतर शिक्षा के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिलती है.

किसे कितनी छात्रवृत्ति : प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को सालाना 1500 रु, कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को 2500 रु और कक्षा नौ व 10 के बच्चों को 4500 रु की राशि दी जाती है. कार्यशाला में सभी प्रखंड के बीआरपी, सीआरपी, आईएनओ, डीएनओ, कल्याण विभाग के एमआइएस कोऑर्डिनेटर दीपक कुमार, मास्टर ट्रेनर लालता पटेल, सुरेंद्र शर्मा, शशि चौधरी सत्येंद्र कुमार एवं पिरामल फाउंडेशन की टीम मौजूद थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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