कनहर, कोयल व सपही नदी से गढ़वा के रमकंडा पहुंच रहा अवैध बालू
बालू माफिया दिन के उजाले में बेखौफ होकर बालू का उत्खनन कराकर रमकंडा क्षेत्र में पहुंचा रहे हैं. वहीं क्षेत्र के दर्जनों योजनाओं में सैकड़ो ट्रैक्टर अवैध बालू डंप किया जा रहा है.
मुकेश तिवारी, रमकंडा :
बालू के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने को लेकर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की विफलता के कारण गढ़वा जिले में बालू का अवैध कारोबार खूब फल-फूल रहा है. इन दिनों गोदरमाना स्थित कनहर नदी के धसनी, भौरी, भंडरिया क्षेत्र के कुरुन गांव के सपही, जोन्हीखांड़ सहित कुरुन गांव से सटे पलामू जिले के कोयल नदी सहित अन्य छोटी-बड़ी नदियों से बालू का अवैध उत्खनन कर इसे रमकंडा पहुंचाया जा रहा है. पूर्व में बालू उत्खनन पर एनजीटी की रोक लगने व झारखंड हाइकोर्ट की सख्ती के बाद यहां अवैध बालू का कारोबार रात में होता था.
लेकिन इन दिनों बालू माफिया दिन के उजाले में बेखौफ होकर बालू का उत्खनन कराकर रमकंडा क्षेत्र में पहुंचा रहे हैं. वहीं क्षेत्र के दर्जनों योजनाओं में सैकड़ो ट्रैक्टर अवैध बालू डंप किया जा रहा है. इधर बालू के अभाव में रमकंडा प्रखंड की छह पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास की 49 योजनायएं अब तक अधूरी है. बिराजपुर पंचायत में आठ, चेटे पंचायत में 11, उदयपुर पंचायत में 16, रकसी पंचायत में 11, हरहे पंचायत में दो सहित बलिगढ़ पंचायत में एक आवास का निर्माण कार्य लंबित है. आवास के लाभुक बताते हैं कि बालू के दामों में बेतहाशा वृद्धि के अलावे छोटे कार्यों के लिए लोगों को बालू नही मिल रहा है.
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उल्लेखनीय है कि नदियों से बालू के अवैध खनन व परिवहन के मामले में कार्रवाई को लेकर जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है. इस मामले में प्रत्येक माह जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक भी होती है. बैठक में अवैध खनन, परिवहन और बालू के अवैध भंडारण पर कार्रवाई की बात होती है. लेकिन इसका क्रियान्वयन धरातल पर होता नहीं दिख रहा है. इस तरह इस अवैध कारोबार में अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नही किया जा सकता.
तेतरडीह, कुशवार व हरहे में सैकड़ो ट्रैक्टर डंप है अवैध बालू
रमकंडा प्रखंड क्षेत्र के तेतरडीह, कुशवार, हरहे, कुट्टी, बलिगढ़, चेटे, होमिया, चुटिया, गोदरमना व तेतरडीह के जंगल किनारे जगह-जगह पर बालू माफियाओं ने सैकड़ो ट्रैक्टर बालू डंप किया है. इन बालू को रमकंडा क्षेत्र के विभिन्न योजनाओं के लिए डंप किया गया है. ग्रामीण बताते हैं कि पहले रात में बालू का कारोबार होता था. लेकिन अब दिन में ही यह कारोबार होने लगा है. पर स्थानीय लोगों को निजी कार्यों के लिए बालू मिलना मुश्किल है. इसके अलावे रमकंडा क्षेत्र के बलिगढ़ गांव के पपरा, तेतरडीह, हरहे व चेटे गांव के हाठु नदी से दिन भर बालू का उत्खनन होता है. ऐसे में इन नदियों का अस्तित्व खतरे में हैं.
इन जगहों पर पहुंच रहा अवैध बालू
जानकारी के अनुसार रमकंडा क्षेत्र में गोदरमना से दुर्जन होमिया होते हुए बलिगढ़ तक कालीकरण सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर अवैध बालू पहुंच रहा है. इसके साथ ही कुशवार गांव के मुड़तंगवा नाला पर बन रहे पुल के लिए सैकड़ों ट्रैक्टर अवैध बालू डंप किया गया है. इसी तरह गोबरदाहा से तेतरडीह होते हुए होमिया तक कालीकरण सड़क निर्माण में भी जगह जगह पर अवैध बालू डंप किया गया है. हरहे के हाठु नदी पर बन रहे उच्च स्तरीय पुल निर्माण में कनहर नदी से अवैध बालू रोज पहुंच रहा है. इसी तरह कसमार से कुट्टी होते हुए हरहे सिवाना तक सड़क निर्माण, पटसर के बरुनवा नाला पर बन रहे पुल निर्माण, रमकंडा प्रखंड कार्यालय से उदयपुर तक सड़क निर्माण, उदयपुर से चेटे तक कालीकरण सड़क निर्माण व लहंगगोरया से बलिगढ़ होते हुए खुथुआ मोड़ तक सड़क निर्माण के लिए बालू बेखौफ पहुंचाया जा रहा है.
देखते हैं, समय निकाल के एक दिन निरीक्षण करते हैं: खनन पदाधिकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला खनन पदाधिकारी ननदेव बैठा ने कहा कि अवैध बालू के मामलों पर कार्रवाई के लिये स्थानीय अधिकारियों को भी आदेश मिला हुआ है. बावजूद देखते हैं, समय निकाल के इन क्षेत्रों में एक दिन निरीक्षण कर कार्रवाई की जायेगी.