धुरकी के 11 विद्यालयों में पठन-पाठन एकल शिक्षक के भरोसे
धुरकी के 11 विद्यालयों में पठन-पाठन एकल शिक्षक के भरोसे
धुरकी बीआरसी के अंतर्गत 11 सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जो मात्र एक शिक्षक के भरोसे है. इससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय केरवा टोला भंडार में 85 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. प्राथमिक विद्यालय कुशधोई (खुटिया)में 75, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय मध्य पूर्व अंबाखोरेया में 67, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय हेथला बथान पारसपानी कला में 72, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तेतरियादामर भंडार में 88, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय सुअर कोड़वा में 74, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय फेफसा में 38, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बिवादामर शक्ति में 66, नव प्राथमिक विद्यालय बेलवादामार खाला में 74, नवप्राथमिक विद्यालय अकवानियादामर में 81 तथा नव प्राथमिक विद्यालय माझपानी में 29 विद्यार्थी नामांकित है. इन सभी विद्यालयों में बच्चे का भविष्य मात्र एक शिक्षक के भरोसे है. यहां कक्षा एक से लेकर पांचवी तक की कक्षा संचालित होती है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो दूर की बात है हर दिन क्लास में बच्चों को विषयवार पढ़ाई तक नहीं हो पाती. वहीं एकल शिक्षक के बीमार होने या विभागीय काम से बाहर जाने या अन्य कार्यों से विद्यालय नही आने की स्थिति में विभाग द्वारा दूसरे विद्यालय के शिक्षक को उपरोक्त विद्यालयों में प्रतियोनियोजित करना पड़ता है. शिक्षकों ने बताया कि बच्चों के पठन- पाठन में हो रही परेशानी को देखते हुए विभाग से अन्य शिक्षकों के पदस्थापना को लेकर कई बार प्रखंड स्तर के शिक्षा विभाग के साथ पत्राचार कर मांग की गयी. पर शिक्षक पदस्थापित नहीं किये गये. उन्होंने बताया कि हर कक्षा में रूटीन के अनुसार एक साथ नही पढ़ाया जा सकता है. कक्षा एक के बच्चों को दैनिक पाठ्यक्रम का कार्य देकर दूसरे वर्ग में क्लास लेना पड़ता है. वही मिड-डे-मिल के भोजन की व्यवस्था करने के साथ ही साथ विद्यालय संबंधी कागजी कार्यवाही भी खुद ही निपटाने पड़ते हैं.
इस संबंध में बीपीओ बिपिन बिहारी गुप्ता ने बताया कि प्रखंड के 11 सरकारी विद्यालयों ऐसे हैं, जहां एक-एक शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षक की नियुक्ति के लिए उन लोगों ने विभाग के साथ पत्राचार किया है. यदि किसी विद्यालय के शिक्षक अवकाश में चले जाते हैं, तो उस विद्यालय में दूसरे विद्यालय के शिक्षक को प्रतिनियोजन कर दिया जाता है. यानी विद्यालय बंद नही होने दिया जाता.
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