जिला मुख्यालय स्थित गायत्री शक्तिपीठ कल्याणपुर में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर चल रहे श्रीराम कथा के पांचवें दिन सोमवार की शाम भगवान श्रीराम द्वारा ताड़ुका-सुबाहू वध और अहिल्या उद्धार की कथा सुनायी गयी. समाजसेवी डॉ अनिल साव ने देवमंच पर अखंड दीप जलाकर व पूजन कर श्रीराम कथा का उदघाटन किया. उन्होंने शारदीय नवरात्र के महत्व पर कहा कि सनातन संस्कृति में नारियों को पूजनीय माना गया है. नारी को शक्ति स्वरूपा कहा गया है. इसलिए कि किसी भी युग में पृथ्वी पर जब-जब संकट आया है, नारियों ने ही उससे उद्धार किया है. महिषासुर का वध महिला के रूप में आकर मां दुर्गा ने किया था. इसी तरह से काली, लक्ष्मी जैसी देवियों ने समाज को विपत्ति से छुटकारा दिलाने का काम किया. डॉ साव ने आध्यात्मिका के क्षेत्र में गायत्री परिवार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की प्रशंसा की. कार्यक्रम के दौरान शिव पूजन मेहता ने भजन के माध्यम से लोगों को भक्ति रस में भिंगोया. रंजीत विश्वकर्मा ने बैंजो पर, कृष्णा विश्वकर्मा ने ढोलक व नंदू ठाकुर ने झाल पर संगत की. उपेंद्र शर्मा और राजकुमार ने सह गायन किया. कार्यक्रम का संचालन अखिलेश कुशवाहा ने किया.
उपस्थित लोग : इस अवसर पर शोभा पाठक, प्रभुदयाल प्रजापति, अनिल विश्वकर्मा, वृंदा ठाकुर, ओम समिति के अध्यक्ष चंद्रमणि कुमार व वार्ड पार्षद अजीत शर्मा सहित काफी संख्या में महिला-पुरूष उपस्थित थे.
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