माननीयों का वेतन-भत्ता बढ़ाना गरीब जनता का उपहास
माननीयों का वेतन-भत्ता बढ़ाना गरीब जनता का उपहास
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य अलख नाथ पांडेय ने झारखंड कैबिनेट द्वारा विधायक और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में वृद्धि की अनुशंसा की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि झारखंड की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखे बगैर माननीयों ने यह फैसला लिया. सरकार ने जनता की चिंता करने के बजाय विधायक व मंत्रियों की सुख-सुविधा को प्राथमिकता दी. यह एक तरह से गरीब जनता का उपहास है. उन्होंने कहा कि झारखंड की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. यहां गरीबी रेखा से नीचे बसर करनेवालों की संख्या ज्यादा है. झारखंड अलग राज्य बने करीब ढाई दशक होने के बाद भी यहां जनता को अभी तक बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने में सरकार विफल रही है. सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रही हैं. भ्रष्टाचार की वजह से पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई वरिष्ठ अधिकारी जेल में हैं. इसके बाद भी सरकार की प्राथमिकता विकास के बजाय अपना विकास करना है. वेतन-भत्ता में की गयी वृद्धि इसी कड़ी का हिस्सा है. इससे साबित होता है कि सत्ता में आने के बाद अब सेवा भाव के बजाय सुख-सुविधा पाना रह गया है. उन्होंने कहा कि हैरत की बात है कि अव्यवहारिक रूप से वेतन-भत्ता बढ़ाने का पक्ष व विपक्ष केकिसी नेता ने विरोध नहीं किया. यह आदर्श राजनीति के लिए चिंता की बात है.
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