गढ़वा में आठ माह से बंद है उपायुक्त का साप्ताहिक जनता दरबार, कोरोना की बात कहकर लगा दी गयी है पाबंदी
कोरोना की रफ्तार धीमी होने के बाद वर्तमान में गढ़वा जिले में लॉकडाउन में लगायी गयी लगभग सभी तरह की पाबंदियां समाप्त व शिथिल कर दी गयी हैं
कोरोना की रफ्तार धीमी होने के बाद वर्तमान में गढ़वा जिले में लॉकडाउन में लगायी गयी लगभग सभी तरह की पाबंदियां समाप्त व शिथिल कर दी गयी है़ं सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से लेकर मुख्यमंत्री तक के कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में भीड़ जुट रही है़ इसमें प्रशासनिक अधिकारी भी हिस्सा ले रहे है़ं लेकिन कोरोना काल में बंद किया गया उपायुक्त का जनता दरबार अब तक शुरू नहीं हुआ है़.
पिछले करीब आठ माह से लोग उपायुक्त से मिल नहीं पा रहे है़ं अपनी समस्या लेकर सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आनेवाले लोग निराश होकर घर लौट रहे है़ं वैसे तो उपायुक्त से मिलने के लिए लोग हर रोज समाहरणालय पहुंचते है़ं लेकिन हर सप्ताह मंगलवार एवं शुक्रवार को ज्यादा लोग समाहरणालय आते है़ं.
पूर्व में (कोरोना काल से पहले) उपायुक्त से मिलने के लिए सप्ताह में यही दो दिन निर्धारित किया गया था़ इधर उपायुक्त से मिलने पहुंचे लोगों को बताया जा रहा है कि अभी उपायुक्त का जनता दरबार कोरोना की वजह से बंद है. इसके बाद लोगों को जिले में बनाये गये जन सुविधा नामक कार्यालय में आवेदन जमा करने का सुझाव दिया जाता है़
इस सुझाव के अनुरूप कई लोग वहां आवेदन जमा करते हैं, जबकि कई लोग आवेदन बिना जमा किये ही लौट जाते है़ं लोगों का कहना है कि कार्यालय में आवेदन जमा करने से उन्हें संतुष्टि नहीं होती है, क्योंकि दिन भर का समय निकाल कर व गाड़ी का किराया वहन कर वही लोग उपायुक्त कार्यालय आते हैं, जो प्रखंड व अनुमंडल स्तर के अधिकारियों से निराश हो चुके होते है़ं