Jharkhand News: मैट्रिक के बाद आगे नहीं पढ़ पाती गढ़वा के गोदरमाना की लड़कियां, जानें क्या है कारण
गढ़वा के रंका प्रखंड स्थित गोदरमाना में मैट्रिक पास करने के बाद लड़कियों की पढ़ाई बंद हो जाती है. इलाके में प्लस टू उच्च विद्यालय व डिग्री कॉलेज नहीं होने से लड़कियां आगे नहीं पढ़ पाती हैं. रंका में प्लस टू उच्च विद्यालय है. पर दूरी के कारण लड़कियों के लिए पढ़ाई जारी रख पाना मुश्किल है.
नंद कुमार, रंका: रंका प्रखंड के गोदरमाना में प्लस टू उच्च विद्यालय व डिग्री कॉलेज नहीं होने से इस क्षेत्र की लड़कियां आगे नहीं पढ़ पाती हैं. मैट्रिक पास करने के बाद उनकी पढ़ाई बंद हो जाती है. सिर्फ आर्थिक व अन्य रूप में सक्षम घर की बेटियां ही आगे पढ़ पाती हैं. ज्यादातर लड़कियों की पढ़ाई मैट्रिक के बाद रूक जाती है. प्रधानाध्यापक विकास कुमार दास ने कहा कि वर्ष 2006 में गोदरमाना मध्य विद्यालय उत्क्रमित होकर उच्च विद्यालय में तब्दील हुआ है. यहां से मैट्रिक पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी है.
गोदरमाना गांव झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है. रंका प्रखंड मुख्यालय गोदरमाना से 27 किलोमीटर तथा गढ़वा जिला मुख्यालय 49 किलोमीटर दूर है. रंका में प्लस टू उच्च विद्यालय है. पर दूरी के कारण खास कर सामान्य घर की लड़कियों के लिए पढ़ाई जारी रख पाना मुश्किल है. छात्रा पल्लवी, नेहा, रूबी व स्वेता ने कहा कि छत्तीसगढ़ का रामानुजगंज तुलनात्मक रूप से नजदीक है. लेकिन मैट्रिक पास करने के बाद छत्तीसगढ़ में नामांकन नहीं हो पाता है. इस कारण उनकी पढ़ाई छूट जाती है.
लड़के पढ़ लेते हैं : लड़के मैट्रिक पास करने के बाद वे रंका अथवा गढ़वा जाकर इंटर में नामांकन करा लेते हैं. वहीं सक्षम परिवार की लड़कियां ही मैट्रिक पास करने के बाद वे कहीं नाम लिखवा पाती हैं. इस तरह इलाके की ज्यादातर लॉकियों का पढ़ाई का सपना पूरा नहीं हो पाता.
पेयजल समस्या भी झेल रहे हैं विद्यार्थी
रंका. इलाके में भीषण गर्मी पड़ने से एवं जल स्तर नीचे चले जाने से प्रखंड के गोदरमाना उत्क्रमित उच्च विद्यालय में चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है. इससे विद्यालय में पेयजल समस्या हो गयी है.प्यास बुझाने के लिए छात्र-छात्राओं को विद्यालय से बाहर कुछ दूर जाना पड़ता है. इस संबंध में शिक्षक विकास कुमार दास, मनोज कुमार गुप्ता व नंद किशोर सिंह ने बताया कि यहां मध्य विद्यालय और उत्क्रमित उच्च विद्यालय दोनों एक ही परिसर में है.
मध्य विद्यालय में 250 एवं उच्च विद्यालय में 300 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय में दो चापाकल हैं. एक चापाकल का बोर छह महीने पहले धंस गया है. जबकि दूसरे चापाकल का पानी सूख गया है. धंसे हुए बोर को बनाने के लिए विभाग एवं स्थानीय मुखिया को कई बार कहा गया. पर कोई असर नहीं हुआ.
मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी
संयोजिका सुमन कश्यप ने कहा कि चापाकल सूख जाने से मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी होती है. बाहर से पानी लाकर खाना बनाना पड़ता है. छात्राअों को भी पानी पीने के लिए स्कूल के बाहर निकलना पड़ता है. शिक्षकों ने विभाग से चापाकल अविलंब दुरुस्त करने की मांग की है.
विभाग को पत्र भेज कर मांग करेंगे : बीपीओ
इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के बीपीओ संतोष कुमार दुबे ने कहा कि गोदरमाना में एक प्लस टू उवि की जरूरत है. वह सरकार को पत्र भेज कर गोदरमाना में प्लस टू उच्च विद्यालय खोलने की मांग करेंगे.
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