सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे ज्योतिबा फुले

सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे ज्योतिबा फुले

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2024 8:14 PM

भाजपा नगर मंडल गढ़वा ने मंडल अध्यक्ष उमेश कश्यप की अध्यक्षता में ज्योतिबा फुले की जयंती मनायी. मंडल के महामंत्री राकेश शंकर गुप्ता के आवास पर ज्योतिबा फुले के चित्र पर मंडल अध्यक्ष एवं अन्य उपस्थित सदस्यों ने पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. श्री कश्यप ने कहा कि 11 अप्रैल को महिलाओं, गरीबों, वंचितो, दलित और शोषित किसानों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले महान भारतीय विचारक और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाना हमें प्रेरणा देता है. वह सामाजिक क्रांति के अग्रदूत है. 19वीं सदी में भी वह शिक्षा का महत्व जानते थे. इसलिए इन्होंने समाज के ताने व गालियां सुनकर भी अपनी पत्नी को पढ़ाया. सामाजिक जड़त व कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी. उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था. उन्हें ज्योतिबा फुले या महात्मा फुले के नाम से जाना जाता था. उनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में हुआ था.

पुणे आकर परिवार फूलों के गजरे बनाता था : उनका पूरा परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे जाकर फूलों के गजरे बनाने का काम करने लगा था. माली के काम में लगे ये लोग फूले के नाम से जाने जाते थे. ज्योतिबा फुले का जीवन और उनके विचार व महान कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं. महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर कई स्कूलों व संस्थानों पर कार्यक्रम होते हैं, जहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है.

उपस्थित लोग : मौके पर भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला महामंत्री रविंद्र जायसवाल, मंडल के संयोजक दीपक तिवारी, मंडल महामंत्री राकेश शंकर गुप्ता, उपाध्यक्ष सुप्रीत केसरी, मंत्री संतोष कश्यप, विवेक कश्यप आदि उपस्थित थे.

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