अपने दिल को सुरक्षित रखने के लिए हम थोड़ा समय जरूर निकालें
अपने दिल को सुरक्षित रखने के लिए हम थोड़ा समय जरूर निकालें
विश्व हृदय दिवस के अवसर पर रविवार को प्रभात मेडिकल सेंटर के निदेशक सह हृदय रोग विशेषज्ञ डीएम कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ कुमार पंकज प्रभात के नेतृत्व में रन फॉर हार्ट का आयोजन किया गया. समाहरणालय भवन से इस दौड़ का उदघाटन झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने झंडी दिखाकर किया. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपायुक्त शेखर जमुआर, पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय,डीडीसी पशुपति नाथ मिश्रा, एसडीओ संजय कुमार, सीआरपीएफ कमांडेंट एनके सिंह व सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सहित जिले के कई चिकित्सक व गणमान्य लोग भी इस दौड़ में शामिल हुए. रन फॉर हार्ट न्यू बाइपास होते हुए रंका रोड स्थित (लगभग पांच किलोमीटर) शगुन बैंक्विट हॉल के सभागार में पहुंचा, जहां दिल को रखें स्वास्थ्य विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि गढ़वा को एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की जरूरत है. गढ़वा में जब सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बन जायेगा, तब यहां के लोगों को इलाज के लिए बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा. डॉ प्रभात के गढ़वा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने की बात पर श्री ठाकुर ने कहा कि इसमें वह भी सहयोग करेंगे. मंत्री ने कहा कि अपने दिल को सुरक्षित रखने के लिए हम बहुत थोड़ा समय निकालें, इससे काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि डॉ पंकज प्रभात का यह प्रयास समाज में जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित होगा. कार्यक्रम को सरआरपीएफ के कमांडेंट एनके सिंह, सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार, डीडीसी पीएन मिश्रा व एसडीओ संजय कुमार ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन नंद कुमार गुप्ता ने किया
तनाव मुक्त जीवन जीने का करें प्रयास : उपायुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि भागमभाग के इस दौर में हमें तनाव मुक्त रहने का प्रयास करना होगा. तभी हम इस तरह की गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय ने कहा कि अधिक काम के चक्कर में हम अपने दिल की सुरक्षा के लिए समय नहीं निकाल पाते. हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. दोनों अधिकारियों ने डॉ कुमार पंकज प्रभात के शहर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने के निर्णय की सराहना की.
साइलेंट किलर है हार्ट अटैक : कार्यक्रम के आयोजक डीएम कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ पंकज प्रभात ने कहा कि अपने दिल को सुरक्षित रखने के लिए थोड़ा समय निकालें ताकि हार्ट अटैक के बढ़ते खतरे को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि भारत में गत 10 वर्षों के दौरान करीब 2.25 लाख भारतीयों की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक से मरने वालों में 85 फीसदी पुरुष होते हैं. इसका कारण खराब खान-पान, तनाव तथा धूम्रपान से कमजोर हो रहा दिल है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को दिल का दौरा पड़ा है और वह सांस ले रहा है, तो उसे सीपीआर या कार्डियोपल्मोनरी रिसस्टेिशन की जरूरत नहीं है.सीपीआर का ड्रेमोस्ट्रेशन दिया गया
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