डेढ़ माह बाद भी गिरफ्तारी नहीं, सीआइडी ने लिया संज्ञान
डेढ़ माह बाद भी गिरफ्तारी नहीं, सीआइडी ने लिया संज्ञान
बरडीहा थाना क्षेत्र के आदर गांव में 46 दिनों पूर्व अनुसूचित जनजाति की गर्भवती महिला समेत पूरे परिवार के साथ हुई मारपीट के मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इस मामले में सीआइडी ने संज्ञान लिया है. विभाग के ज्ञापांक/ 94/सामान्य अपराध शाखा/(SC/ST) के द्वारा प्रभारी सीआइडी टीम गढ़वा को पत्र लिखकर कहा गया है कि बरडीहा थाना कांड संख्या 35/2024 के तहत दर्ज प्राथमिकी के वांक्षित अभियुक्त आदर गांव निवासी आशिक अंसारी, गुड्डू अंसारी, ईशा अंसारी, इशाक अंसारी, मुर्तजा अंसारी, अली अंसारी, इमाम अंसारी एवं फारूक अंसारी की गिरफ्तारी के लिए पीड़िता शांति देवी का पत्र प्राप्त है. विभाग द्वारा एक सप्ताह के अंदर जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया है.
क्या है मामला : छह जून को बरडीहा थाना क्षेत्र के आदर गांव में भूमि विवाद को लेकर अनुसूचित जनजाति की गर्भवती महिला एवं उसके पति सभय रजवार समेत परिवार के आधा दर्जन लोगों को गांव के ही आशिक अंसारी, गुड्डू अंसारी, ईशा अंसारी एवं इशाक अंसारी सहित लगभग एक दर्जन लोगों ने मारकर घायल कर दिया था और उसके झोपड़ी में आग लगा दी थी. साथ ही ट्रैक्टर से पीड़ित परिवार की भूमि को जोतकर अपने कब्जे में भी ले लिया. शांति देवी ने इससे संबंधित प्राथमिकी बरडीहा थाने में दर्ज करायी है.दहशत में पूरा परिवार : शांति देवी ने बताया कि उसके एवं परिवार के लोगों के साथ मारपीट करने वाले दबंग लोग हैं और उनकी प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच है. वे लोग अपनी पहुंच का उपयोग कर इस मामले को रफा-दफा करने में लगे हैं. यही कारण है कि प्राथमिकी दर्ज करने के 46 दिन बाद भी अभी तक न तो जांच हई और न किसी की गिरफ्तारी. शांति देवी ने बताया कि उसके परिवार को बार-बार धमकी मिल रही है. इस कारण वे लोग दहशत में जी रहे हैं. कहीं से न्याय नही मिलने के बाद उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक रांची झारखंड सरकार, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग रांची सहित गढ़वा जिला स्तरीय सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी है.
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