गढ़वा शहर सहित जिले भर की कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है. शहर के व्यवसायी भय के साये में जीने को विवश हैं. उन्हें धमकी देकर उनकी जमीन लूटी जा रही है. स्वयं को आदिवासियों की हिमायती कहने वाली हेमंत सरकार में आदिवासियों पर लगातार हमला हो रहा है. उक्त बातें भाजपा के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने बुधवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में कही. उन्होंने कहा कि जिले के डीसी और एसपी मंत्री मिथिलेश ठाकुर के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं. इस शासन-व्यवस्था में लोगों को न्याय मिलना संभव नही है. पूर्व विधायक के पास भैसमरवा गांव के काफी संख्या में आदिवासी परिवार न्याय की गुहार लेकर पहुंचे थे. सोमवार की रात उक्त लोगों को मारपीट कर घायल कर दिया गया था. जब वे लोग आरोपियों पर केस दर्ज कराने थाना पहुंचे, तो थानेदार दूसरे पक्ष को बुलाकर उनसे भी आवदेन लेकर समझौता का दबाव बनाने लगे. पूर्व विधायक ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती है. पदाधिकारियों को ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए.
आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को भी हथियार का लाइसेंस : श्री तिवारी ने कहा कि अधिकारियों ने मंत्री के कहने पर कई आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को भी राइफल और पिस्तौल का लाइसेंस निर्गत कर दिया है. पूर्व विधायक ने ऐसे सभी हथियार के लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. प्रेसवार्ता में भाजपा नेता विनोद चंद्रवंशी, बबलू पटवा, सन्नी चंद्रवंशी व उमेश सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.
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