कबाड़ी गोदाम में मिला एक टन बायोमेडिकल वेस्ट, सील
कबाड़ी गोदाम में मिला एक टन बायोमेडिकल वेस्ट, सील
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गढ़वा. अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने शुक्रवार को शहर के एक कबाड़ गोदाम में छापेमारी की. रामा साहू विद्यालय के सामने मैदान में अवस्थित एक बड़े कबाड़ व्यवसायी के विरुद्ध लगातार शिकायतें मिल रहीं थी. इस आलोक में एसडीओ ने यहां औचक छापेमारी की. इस दौरान उन्होंने मैदान के आसपास कबाड़ गोदाम के फैले कचरे को देखकर नाराजगी व्यक्त की तथा नगर परिषद को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. जब वह गोदाम के अंदर गये, तो वहां बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित बायोमेडिकल वस्तुएं भी मिली. गोदाम में अत्यंत हानिकारक कोटि का जैव चिकित्सीय कचरा जिसमें यूज्ड सिरिंज, थैलियां, निडल्स व स्लाइन का बड़ा भंडार मिला. इसका अनुमानत: बजन करीब एक टन हो सकता है. रूल्स के तहत होगी कड़ी कार्रवाई : अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर मौके पर मौजूद गढ़वा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार तथा उनकी टीम ने स्थानीय लोगों की मौजूदगी में पूरे परिसर को सील कर दिया. संजय कुमार ने कहा कि सील करने की कार्रवाई सिर्फ तात्कालिक रूप से की गयी है. अभी संबंधित कबाड़ स्टॉल के मालिक पर झारखंड नगर पालिका अधिनियम-2011, ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 तथा बायोमेडिकल वेस्ट रूल्स के तहत कड़ी कार्रवाई करने के लिए नगर परिषद को निर्देश दिया गया है. इसके तहत भारी अर्थदंड के साथ-साथ अन्य वैधानिक कार्रवाई की जायेगी. लोगों ने ली राहत की सांस : अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की गयी इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. दरअसल कबाड़ व्यवसायी द्वारा अपने परिसर के अलावा सड़क के चारों तरफ भारी मात्रा में खतरनाक कचरा फैलाया जा रहा था. इससे आये दिन लोगों को चोट लगती थी, साथ ही वहां से निकलने वालों के वाहन भी पंक्चर हो जाते थे. कुछ लोगों ने बताया कि वहां मथुरा बांध के पास एक आश्रम स्थित है उस आश्रम में जाने के लिए श्रद्धालुओं द्वारा इसी रास्ते का प्रयोग किया जाता है. उन्हें आवागमन में बहुत दिक्कत होती थी. कुछ छात्रों ने बताया कि वे पुलिस की नौकरी की तैयारी करते हैं, लेकिन मैदान के आसपास दौड़ने में उन्हें डर लगता था. क्योंकि चारों तरफ कील, कांटी व कांच आदि पड़े रहते थे, वहीं कुछ लोगों ने बताया कि कबाड़ व्यवसायी केबल से धातु के तार निकालने के लिए केबल को जलाता था. इससे पूरे इलाके में जहरीला धुआं फैलता था. अब उन्हें इनसे राहत मिलेगी. मेडिकल वेस्ट कबाड़ियों तक कैसे पहुंचा, होगी जांच एसडीओ ने कहा कि सभी चिकित्सालयों व मेडिकल स्टोर आदि को जैव चिकित्सीय कचरा निस्तारण के लिए संबंधित वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट से एग्रीमेंट करना होता है. वे लोग अपना जैव चिकित्सीय कचरा जैसे सिरिंज, निडल आदि सिर्फ उन्हीं को सौंप सकते हैं, खुले में न तो फेंक सकते हैं और न ही किसी कबाड़ी को दे सकते हैं. लेकिन यहां इतनी बड़ी मात्रा में ऐसा कचरा मिलना बताता है कि स्थानीय चिकित्सालयों या मेडिकल स्टोर संचालकों नन्यह कचरा उपलब्ध कराया है. अभी कबाड़ व्यवसायी से पूछताछ के बाद जिन अस्पतालों का नाम सामने आयेगा, उन पर बड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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