आरजी कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और निर्मम हत्या एवं उसके बाद असामाजिक तत्वों द्वारा मेडिकल कॉलेज में की गयी तोड़फोड़ एवं मारपीट की घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवाएं संघ झारखंड के आह्वान पर शनिवार को गढ़वा जिले के सभी चिकित्सक हड़ताल पर रहे. इस दौरान जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में भी ओपीडी सेवा बंद रही. केवल इमरजेंसी सेवा को चालू रखा गया था. इससे शनिवार को सदर अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी. हड़ताल में निजी अस्पताल के चिकित्सक भी शामिल थे. इसलिए मरीजों के पास कोई विकल्प नहीं था. सरकारी व निजी अस्पतालों के सभी चिकित्सक हड़ताल में शामिल थे. शनिवार को सुबह छह बजे से 18 अगस्त की सुबह छह बजे तक सभी सरकारी एवं निजी अस्पताल के चिकित्सक हड़ताल पर रहेगें. इधर शनिवार को सदर अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सभी नियमित सेवाऐं ठप रही. मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन : डॉ एनके रजक कोलकाता की घटना को लेकर गढ़वा के चिकित्सकों में भी उबाल था. चिकित्सकों ने शनिवार को ड्यूटी करने की बजाय सदर अस्पताल पहुंंच कर अपनी मांगों को लेकर बैठक की. इस अवसर पर आइएमए अध्यक्ष डॉ एनके रजक ने कहा कि चिकित्सक की निर्मम हत्या के मामले में दोषियों पर कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए. इस बार का यह आंदोलन अपनी मांगों को पूरा किये बिना समाप्त नहीं होगा. परमेश्वरी मेडिकल सेंटर की महिला चिकित्सक डॉ नीतू सिंह ने सरकार से चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की. इस दौरान डॉ उमेश्वरी कुमारी, डॉ रागिनी अग्रवाल, डॉ पुष्पा सहगल, डॉ महजबी, डॉ अमित कुमार व डॉ पीयूष प्रमोद ने भी अपने विचार व्यक्त किये. वक्ताओं ने कहा कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गयी, तो आगे इससे भी उग्र आंदोलन करेंगे. चिकित्सकों ने मेडिकल प्रोडक्शन एक्ट जल्द से जल्द लागू करने की मांग की. कार्यक्रम का संचालन डॉ मुनारिक हसन ने किया. उपस्थित लोग : मौके पर डॉ जेपी सिंह, डॉ आरएनएस दिवाकर, डॉ यूएन वर्णवाल, डॉ राम विनोद कुमार, डॉ कुमार निशांत सिंह, डॉ शमशेर सिंह, डॉ पंकज प्रभात, डॉक्टर नाथून शाह, डॉ विजय कुमार भारती, डॉ जयप्रकाश ठाकुर, डॉ विकास केशरी, डॉ पी कसमूर, डॉ मनीष कुमार, डॉ कुश कुमार, डॉ रवि कुमार व डॉ जिया उल हक अंसारी सहित कई चिकित्सक उपस्थित थे. निराश लौटे मरीज : गढ़वा सदर अस्पताल में इलाज कराने आए गढ़वा प्रखंड के डुमरो गांव निवासी सरोज देवी ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार का इलाज कराने के लिए आयी थी. लेकिन चिकित्सकों की हड़ताल के कारण उसका इलाज नहीं हो पाया. इसी तरह अस्पताल आये अन्य मरीज भी ओपीडी बंद होने के कारण वापस लौट गये.
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