अभिभावक बच्चों के पहले शिक्षक, सिर्फ स्कूल भेजने की जिम्मेवारी नहीं
अभिभावक बच्चों के पहले शिक्षक, सिर्फ स्कूल भेजने की जिम्मेवारी नहीं
स्थानीय बीएसकेडी पब्लिक स्कूल में सीबीएसइ पटना द्वारा क्षमता विकास कार्यकम आयोजित किया गया. इसका विषय था एजुकेटिव पैरंट्स अबाउट एजुकेशन. इसमें गढ़वा एवं पलामू जिले के कई स्कूल के शिक्षकों व अभिभावकों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक करना और उन्हें प्रभावी शिक्षण और सकारात्मक पारदर्शी तरीकों से अवगत कराना था. कार्यक्रम का उद्घाटन बीएसकेडी पब्लिक स्कूल के निदेशक संजय सोनी, चेयरमैन शोभा सोनी, प्रधानाचार्य रीना कुमारी, सीबीएसई रिसोर्स पर्सन चिंसु सिंह एवं रवीना कुमारी ने किया. उन्होंने अभिभावकों की शिक्षा में सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया. कहा कि माता-पिता की भूमिका केवल बच्चों को स्कूल भेजने तक सीमित नहीं है. वे दरअसल अपने बच्चों के पहले शिक्षक हैं. बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को समझना और उसमें योगदान देना बेहद महत्वपूर्ण है. सीबीएसइ के प्रतिनिधि चिंसु सिंह ने एजुकेटिव पैरंट्स की अवधारणा पर एक विस्तृत सत्र प्रस्तुत किया, जिसमें माता-पिता को बच्चों की सीखने की प्रक्रिया, शैक्षणिक चुनौतियों, और बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक सहयोग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी. उन्होंने डिजिटल शिक्षा और बच्चों के लिए सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के महत्व पर भी चर्चा की. कार्यक्रम बच्चों की शैक्षिक यात्रा में माता-पिता की भागीदारी की आवश्यकता और महत्व बताना, बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए सकारात्मक वातावरण बनाना, बच्चों को डिजिटल युग में पढ़ाई के लिए तैयार करना, सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के लिए मार्गदर्शन देने को लेकर था. इस दौरान अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा से संबंधित अपने सवालों और चिंताओं को साझा किया, जिनका उत्तर विशेषज्ञों ने दिया.
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