जिस वन क्षेत्र की नीलामी नहीं, वहां भी पत्ते की तोड़ाई
जिस वन क्षेत्र की नीलामी नहीं, वहां भी पत्ते की तोड़ाई
भवनाथपुर सुरक्षित वन क्षेत्र में इन दिनों बीड़ी के लिए केंदू पत्ता की तोड़ाई का काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए वन निगम, गढ़वा ने सी-वन वन क्षेत्र के पत्ता तोड़ाई के लिए क्षेत्र की निलामी की है. सी वन क्षेत्र में भवनाथपुर प्रखंड के करमाही, घाघरा, सरैया, बेल पहाड़ी तथा केतार प्रखंड के बलिगढ़, खोनहर, चेचरिया, नावाडीह, बांसडीह, बक्शीपुर, जोगीयावीर, सोनवर्षा, खैरवा व पाचाडुमर का वन क्षेत्र शामिल है. सी-टू वन क्षेत्र की नीलामी नहीं हई है. इसमें फुलवार, कोण मंडरा, धनी मंडरा व चौरा का नाम शामिल है. इधर जिन क्षेत्रों की नीलामी नहीं हुई है, उस क्षेत्र से भी निगम अधिकारियों की मिलीभगत से संवेदक पत्ते की तोड़ाई करवा रहे हैं. सी-टू के फुलवार वन क्षेत्र से पत्तियों को तोड़वाकर सी-वन के करमाही में रखवाया जा रहा है.
बच्चे कर रहे पत्ता सुखाने का काम : अभी पत्तियों को तुड़वाने के बाद खलिहान में सुखाने का काम चल रहा है. संवेदक यह काम छोटे-छोटे बच्चों से करा रहा है. इसके एवज में उन्हें सौ रु मजदूरी दी डजा रही है. सी-वन के घाघरा खलिहान में काम कर रहे बाल मजदूर करीब सात से नौ वर्ष के है. उन्होंने बताया कि उन्हें काम के बदले सौ रुपये मिलते हैं. आदिम जनजाति के गरीब बच्चे इस तपती धूप में खाली पैर काम कर रहे हैं. बच्चों को पैर में जूता या चप्पल भी नहीं पहनने दिया जाता, क्योंकि इससे पत्तियां को नुकसान हो जाता है. घाघरा खलिहान पर काम देख रहे बलिगढ़ के लल्लू सिंह ने बताया कि बाल मजदूर से काम लेना गलत है. लेकिन हम क्या करें मुंशी अरुण यादव काम करवा रहे हैं, पैसा भी वही देते हैं.पत्ता तोड़ाई अवैध : निगम के वन क्षेत्र पदाधिकारी किशोर खलखो ने बताया कि सी-टू वन क्षेत्र की नीलामी नहीं हुई है. यदि उन क्षेत्रों से पत्तियां तुड़वा कर सी-वन वन क्षेत्र में लाया जाता है, तो यह अवैध है. बाल मजदूरी के सवाल पर कहा कि बाल मजदूरों से काम लेना कानूनन अपराध है. यदि बच्चों से काम लिया जा रहा है, तो यह गलत है.
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