गढ़वा सदर अस्पताल में गुरुवार को इलाज के दौरान जेल में बंद एक कैदी की मौत हो गयी. मृतक नगर उंटारी थाना क्षेत्र के चेचरिया गांव निवासी स्वर्गीय रामनाथ साव का पुत्र अखिलेश कुमार (34 वर्ष) बताया गया है. घटना के संबंध में अखिलेश कुमार की पत्नी गीता देवी ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है. उनका समुचित इलाज नहीं कराया गया. आक्रोशित परिजनों ने गढ़वा सदर अस्पताल में अखिलेश के शव का अंत्यपरीक्षण कराने से मना कर दिया. परिजनों का कहना था कि जब तक जेल प्रशासन पर प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी, तब तक उसका अंत्यपरीक्षण नहीं करने देंगे. यद्यपि पुलिस ने बाद में मृतक की पत्नी गीता देवी का बयान लेकर उसे समझा बुझाकर शव का अंत्यपरीक्षण कराया. अंत्यपरीक्षण के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया. इसमें डॉ अमित कुमार, डॉ संजय कुमार एवं डॉ प्रशांत प्रमोद को रखा गया था.
टीबी से पीड़ित बताया गया था : गीता ने बताया कि इससे पूर्व जनवरी-2024 को अखिलेश कुमार को गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसे समय उसे टीवी की बीमारी से ग्रस्त बताया गया था. इसके बाद एक महीने तक उसका इलाज चलता रहा. इस दौरान परिजनों ने अखिलेश कुमार को इलाज के लिए बाहर ले जाने की इजाजत मांगी. लेकिन जेल प्रशासन के द्वारा उसे बाहर नहीं ले जाने दिया. सदर अस्पताल से भी उसे एक महीने के अंदर ही भेज दिया गया. जबकि छह महीने तक गढ़वा सदर अस्पताल में रखकर टीबी का इलाज होना चाहिए था. लेकिन जेल प्रशासन ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बताया कि 10 जून को उनके पति अखिलेश कुमार की जमानत होने वाली थी. यह बात पुलिस प्रशासन को मालूम थी. उन्हें शक है कि उसके पति को बाहर निकलने से पूर्व जेल में ही जहर देकर अथवा गला दबाकर हत्या कर दी गयी है.
साइबर ठगी का था आरोप : विदित हो कि मृतक कैदी अखिलेश कुमार पर वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी करने का आरोप था. पुलिस ने पिछले 28 दिसंबर 2023 को अखिलेश को साइबर क्राइम के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. तब से वह गढ़वा मंडल कारा में ही था. अखिलेश कुमार की पत्नी के अलावे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है