सरकारी दवा फेंके जाने के मामले में धरना-प्रदर्शन
सरकारी दवा फेंके जाने के मामले में धरना-प्रदर्शन
सरकारी दवा फेंके जाने के 88 दिन के बाद भी कार्रवाई नहीं होने को लेकर मंगलवार को कांडी अस्पताल के प्रांगण में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया. स्वयं सेवी संस्था दृष्टि यूथ ऑर्गेनाइजेशन के बैनर तले आयोजन इस आंदोलन में आगे भी कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गयी. मौके पर सिविल सर्जन हाय हाय, स्वास्थ्य विभाग हाय हाय, दवा फेंकने वाले अपराधी को गिरफ्तार करो जैसे नारे लगाये गये. मौके पर संस्थाके शशांक शेखर ने कहा कि लाखों रुपये की दवा फेंक दी गयी है, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं करना अधिकारियों द्वारा अपराधी को संरक्षण दिये जाने का प्रमाण है. जबकि इस मामले में उच्च अधिकारियों को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा भी जाँच के आदेश भी दिये गये थे. इसके बाद भी 88 दिन में कोई कार्रवाई नहीं होने से यह स्वत: स्पष्ट हो जाता है कि इसमें वरीय अधिकारियों की भी मिलीभगत है. मौके पर कांडी पंचायत के पूर्व मुखिया विनोद प्रसाद ने कहा कि दवा फेंकने वाला जब तक पकड़ा नहीं जाता, यह आंदोलन जारी रहेगा. भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामलाला दुबे ने कहा कि यह बड़ा अपराध है. धरना को जितेंद्र चौबे, कृष्णा राम, देवेंद्र प्रजापति, संतोष सिंह, गोरख प्रसाद व गोपाल भारती सहित कई लोगों ने संबोधित किया. चार सूत्री मांग पत्र सौंपा : प्रदर्शन के अंत में उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति गढ़वा के नाम एक चार सूत्री मांग पत्र अस्पताल में उपस्थित चिकित्सक डॉ सविता कुमारी को सौंपा गया. मौके पर शशिरंजन दुबे, सत्यप्रकाश चौबे, अभिषेक चौबे, दयाशंकर सिंह, पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अनूप कुमार व जयप्रकाश उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है