रंका अनुमंडल मुख्यालय को नगर पंचायत बनाने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. इसे लेकर बुधवार को रंका कला एवं रंका खुर्द गांव में अलग-अलग आमसभा आयोजित की गयी. इसमें रंका खुर्द गांव में ग्रामीणों की उपस्थिति नहीं होने पर आमसभा नहीं हो सकी. वहीं रंका कला गांव की आमसभा पंचायत भवन में आयोजित हुई. इसमें रंका अनुमंडल मुख्यालय को ग्रामीण क्षेत्र ही रहने देने तथा नगर पंचायत नहीं बनाने की बात कही गयी. वार्ड सदस्य उपेंद्र प्रसाद, दिनेश प्रसाद, मो महमूद, लक्ष्मी देवी, छोटु सिद्दीकी व अन्य ग्रामीणों ने कहा कि रंका अनुमंडल मुख्यालय को अभी नगर पंचायत नहीं बनना चाहिए. अभी रंका शहरी क्षेत्र नहीं हुआ है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्र ही रहने दिया जाये. नगर पंचायत बनने पर टैक्स जमा नहीं कर पायेंगे. नगर पंचायत बन जाने पर गरीबों पर बोझ बन जायेगा.
पंचायत सचिव सोनी कुमारी यादव ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्र के आलोक में प्रखंड पदाधिकारी के निर्देश पर रंका अनुमंडल मुख्यालय को नगर पंचायत बनाने के लिए आमसभा हुई है. आमसभा में रंका को नगर पंचायत नहीं बनाने का प्रस्ताव लाया गया. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 से ही रंका को नगर पंचायत बनाने की सरकारी पहल शुरू हो गयी है. इसके लिए सरकार के पत्र के आलोक में रंका को नगर पंचायत बनाने के लिए 11 गांवों को शामिल किया गया था. पर इस बार नगर पंचायत बनाने के लिए मात्र चार गांव को शामिल किया गया है. इसमें रंकाकला, रंकाखुर्द, कंचनपुर और दौनादाग गांव शामिल हैं. पहले रंका को नगर पंचायत बनाने के लिए रंकाकला, पाल्हे, बोइला, लिदीकंडा, खपरो, मानपुर, भलुआनी, दौनादाग, सलैया, कंचनपुर व रंकाखुर्द गांव शामिल किये गये थे. अब इनमें से सात गांव हटा दिये गये हैं.
आमसभा चार जुलाई को : बताया गया कि रंका को नगर पंचायत बनाने के लिए आमसभा में पारित होना जरूरी है. उक्त चारों गांवों में आमसभा आयोजित है. बुधवार को रंकाकला व रंकाखुर्द गांव में आमसभा हुई. इसमें रंकाखुर्द गांव में ग्रामीण आमसभा में नहीं पहुंचे. इसलिए आमसभा स्थगित हो गयी. अब गुरुवार चार जुलाई को कंचनपुर व दौनादाग गांव में आमसभा होगी. इसके बाद रंका को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव लाया जायेगा.
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