रैयतों ने दी रास्ते के लिए अपनी जमीन
रैयतों ने दी रास्ते के लिए अपनी जमीन
भवनाथपुर पंचायत के ढिकुलिया में ग्रामीणों ने श्रमदान कर 700 मीटर लंबी कच्ची सड़क बना दी. ढिकुलिया से रजदहवा नदी शमशान घाट तक सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को शव का अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था. घाट जाने के लिए पगडंडी के सहारे करीब सात सौ मीटर शव लेकर जाना पड़ता था. दरअसल यह रास्ता रैयती जमीन होकर गुजरता है. ग्रामीणों के अनुरोध पर संबंधित रैयत अपनी जमीन देने को तैयार हो गये तथा चंदा इकट्ठा कर यह कच्चा रास्ता बनवाया गया.
ग्रामीण अमर चंद्रवंशी, बबन पासवान, परमवीर राम, राकेश कुमार रवि, राम पवन विश्वकर्मा व अशोक बैठा ने बताया कि करीब 800 घरों के लोग अपने परिजनों को मरणोपरांत अंतिम संस्कार के लिए रजदहवा नदी शमशान घाट ले जाते हैं. शमशान घाट तक जाने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता था. इस दौरान कई लोग गिर-पड़ जाते थे. यह सिलसिला गत 70 वर्षों से चलता आ रहा था. अब उन लोगों ने रैयतों से सड़क बनाने के लिए जमीन देने का आग्रह किया था.इन्होंने दी जमीन : ग्रामीणों ने बताया कि मोतीचंद सिंह खरवार, लाला सिंह, विश्वनाथ साह व बनारसी सिंह सहित अन्य लोगों ने रास्ते के लिए अपनी जमीन दी है. भूस्वामी से अनुमति मिलने पर ग्रामीणों ने सहयोग राशि इकट्ठा कर करीब सात सौ मीटर तक दस फीट चौड़ा रास्ता जेसीबी मशीन से बनवाया. सड़क बनने से ग्रामीणों में काफी खुशी है.अब शमशान घाट तक जाने में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है