उत्तर प्रदेश एवं बिहार की अंतर्राज्यीय सीमा पर बसा खरौंधी प्रखंड इस वर्ष भीषण गर्मी की चपेट में है. यहां इन दिनों हीट वेब की वजह से लोग सुबह 10 बजे से ही घरों में दुबक जा रहें हैं. गत वर्ष कम बारिश होने एवं इस समय भीषण गर्मी के कारण पंडा, डोमनी एवं ढ़ाढ़रा नदियां सूख चुकी हैं. इसके अलावा तालाब, डैम, कुंआ व आहर में एक बूंद पानी नहीं है. इस कारण जलमीनार एवं दर्जनों चापाकल सूख चुके हैं. स्थिति यह है कि प्रखंड में लोग दूसरों के घर में स्थित निजी बोर, चुंआड़ी एवं खेतों में लगे डीप बोर से पानी पीने को मजबूर हैं. मवेशियों को भी पानी पीने में काफी दिक्कत हो रही है. प्रखंड में जल-नल योजना एवं जल जीवन मिशन योजना निर्माणाधीन है. पर इन योजनाओं से लोगों को पेयजल समस्या से निजात मिल सकेगी, लोगों को इसका भरोसा नहीं हैं. खरौंधी बाजार में 80 प्रतिशत चापाकल एवं जलमीनार सूख चुो हैं. जबकि पीएचडी विभाग से लगायी गयी पानी टंकी भी बेकार है. बाजार परिसर में जल-नल योजना के तहत पेयजलापूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछायी गयी है. पर इससे कितने वर्षों मे पानी मिलेगा इसकी गारंटी नहीं है. इधर भीषण गर्मी से किसानों को काफी परेशानी हो रही है. सब्जियां एवं अन्य फसल पानी के बिना सुख रहे हैं.
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