बसपा ने डंडई में कथित रूप से हाजत में पुलिस पिटाई से मृत बच्चा भुइयां के परिजनों को करोड़ रु मुआवजा देने, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने तथा सीबीआइ जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इसे लेकर बसपा नेताओं ने झारखंड के गृह सचिव को आवेदन भेजा है. इसके अलावे मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तथा राष्ट्रपति को भी आवेदन भेजकर कार्रवाई की मांग की है. इसे लेकर गढ़वा प्रखंड कार्यालय के समीप आयोजित पत्रकार वार्ता में भवनाथपुर विधानसभा प्रभारी पंकज चौबे ने कहा कि उनलोगों ने इस घटना के बाद एक जांच कमेटी बनायी थी. इस कमेटी ने इस मामले की गहनता से जांच की है. उन्होंने कहा कि 20 सितंबर की सुबह सात बजे बच्चा भुइयां को पुलिस ने एक व्यक्ति की शिकायत पर थाना लाया था. वहां 23 सितंबर तक बना न्यायालय के आदेश के रखा गया और बुरी तरह से मारपीट की गयी. इससे बच्चा भुइयां की थाने में ही मौत हो गयी. इसके बाद 23 सितंबर की रात में ही बच्चा भुइयां के नाबालिग पुत्र को थाना प्रभारी ने फोन कर थाना में आने को कहा. लेकिन पुलिस के भय से परिवार के लोग थाना नहीं आये. श्री चौबे ने कहा कि 24 सितंबर को जब बच्चा भुइयां को पीट-पीटकर हत्या करने की बात ग्रामीणों को पता चली, तब से पुलिस इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए मनगढ़ंत कहानी लोगों को सुना रही है.
श्री चौबे ने कहा कि मृतक के परिजनों से सादे कागजातों पर हस्ताक्षर करा लिया गया और अंत्यपरीक्षण कराकर 24-25 सितंबर की रात में परिजनों व ग्रामीणों की अनुपस्थिति में ही टायर जलाकर शव जला दिया गया. इसके बाद साक्ष्य मिट गया. उन्होंने कहा कि अपने बचाव के लिए पुलिसकर्मी तमाम हथकंडे अपना रहे हैं. श्री चौबे ने कहा कि इस मामले में पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव एवं ताहिर अंसारी की भूमिका संदिग्ध है, क्योंकि ये सभी घटना के बाद देर तक थाना में बैठे थे. उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि दोषियों को दंडित नहीं किया गया और मुआवजा का भुगतान नहीं हुआ, तो वे लोग समाहरणालय का घेराव करेंगे. इसके साथ ही जोरदार आंदोलन करेंगे. इस अवसर पर बसपा जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार, बसपा नेता भोला कुमार, राकेश कुमार पांडेय, प्रवीण दूबे, अभय चौबे व पप्पू ठाकुर मौजूद थे.
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