17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरहुल को सुख, शांति और समृद्धि का पर्व भी कहा जाता ह

सरहुल को सुख, शांति और समृद्धि का पर्व भी कहा जाता ह

सरहुल कृषि आरंभ करने का त्योहार है. इस त्योहार को सरना के सम्मान में मनाया जाता है. सरना वह पवित्र कुंज है, जिसमें कुछ शाल वृक्ष होते हैं. यह पूजन-स्थान का कार्य करता है. समिति के अध्यक्ष धनंजय गौंड ने कहा कि सरहुल के पर्व पर लड़कियां ससुराल से मायके लौट आती हैं. लोग अपने घरों की लिपाई-पुताई करते हैं और मकानों की सजावट के लिए दीवारों पर हाथी-घोड़ों, फूल-फल आदि के रंग-बिरंगे चित्र बनाते हैं. इस दिन खा-पीकर, मस्त होकर घंटो तक नाचना-गाना अविराम चलता है. लगता है कि जीवन में उल्लास-ही-उल्लास है. भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अलख नाथ पांडेय ने कहा कि प्रकृति का यह पर्व आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व है. यह पर्व सुख, शांति और समृद्धि का भी पर्व कहा जाता है.

इससे पहले सरहुल पर्व के अवसर पर गुरुवार को आदिवासी समाज ने धनंजय गौंड की अध्यक्षता में जुलूस निकाला. इसमें आदिवासी सत्य सरना विकास समिति के तत्वावधान में तुलबुला के आदिवासी समाज के लोग सोनपुरवा से गाजे-बाजे के साथ थिरकते चल रहे थे. जुलूस सोनपुरवा से शुरू होकर शहर के मेन रोड होते हुए रंका मोड़ पहुंचा. यहां महिला व पुरुषों ने आदिवासी नृत्य किया व जमकर झूमे. जुलूस में समिति के अध्यक्ष विशेश्वर उरांव एवं अलख नाथ पांडेय मुख्य रूप से शामिल हुए.

उपस्थित लोग : इस अवसर पर प्रीतम गौड़, चंदन गौड़, धनंजय गौड़ , आंमकार गौड़, धनंजय तिवारी, प्रमोद चौबे, ब्रजेश उपाध्याय, रघुराज पांडेय, ओमप्रकाश केसरी, ओंकार गौंड़, रौशन दूबे, उमेश कश्यप, दौलत सोनी, चंदन जायसवाल.ममता देवी, सुरेंद्र उरांव, अनिता देवी, सुमन देवी, निमिया देवी, संजय उरांव, शंकर उरांव, अमित उरांव, उषा देवी, इंद्रदेव उरांव, सकेंद्र उरांव, संतोष उरांव, सरोज देवी, शिव उरांव, सुरेंद्र उरांव व दीपक उरांव सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें