दुष्कर्म पीड़ितों के लिए विशेष त्वरित अदालतों का गठन हो
दुष्कर्म पीड़ितों के लिए विशेष त्वरित अदालतों का गठन हो
गैरसरकारी संगठन लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान के सचिव सीपी यादव ने दुष्कर्म पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए नयी विशेष त्वरित अदालतों के गठन की मांग की है. उन्होंने गढ़वा में पत्रकारों को बताया कि विशेष त्वरित अदालतों के कामकाज पर इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन की रिपोर्ट ‘फास्ट ट्रैकिंग जस्टिस-रोल ऑफ फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स इन रिड्यूसिंग केस बैकलॉग्स’ के अनुसार इन विशेष अदालतों में मामलों के निपटारे की दर 83 प्रतिशत रही है. जबकि अन्य अदालतों में यह दर सिर्फ 10 प्रतिशत ही है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक यदि एक हजार नयी विशेष अदालतों का गठन नहीं हुआ, तो वर्षों तक मामले लटके रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि साल भर के अंदर यदि सभी लंबित मामलों का खात्मा करना है, तो हर तीन मिनट में दुष्कर्म व पॉक्सो के एक मामले का निपटारा करना होगा. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सभी फास्ट ट्रैक स्पेशल अदालतों (एफटीएससी) को संचालित रखने के अलावा एक हजार नयी विशेष अदालतों की स्थापना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार को मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है