गढ़वा में तापमान पहुंचा आठ जिग्री, शीतलहर व घने कोहरे का कहर
गढ़वा में तापमान पहुंचा आठ जिग्री, शीतलहर व घने कोहरे का कहर
गढ़वा. पिछले दो दिनों से गढ़वा और आसपास के इलाकों में ठंड और घने कोहरे से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. शीतलहर और कुहासा के कारण कनकनी बढ़ गयी है तथा लोग घरों में दुबके रहने को मजबूर हैं. मौसम का यह बदलाव खासकर कामकाजी वर्ग, छोटे व्यवसायियों और दैनिक मजदूरों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. दरअसल शहर में तापमान गिरकर 8 डिग्री सेल्सियस हो गया है. सुबह और रात के समय कड़ाके की ठंड के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. शनिवार को सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे तक घना कुहासा छाया रहा. इससे दृश्यता (विजिब्लिटी) बेहद कम हो गयी थी. इसका सबसे ज्यादा असर वाहन चालकों और काम पर जाने वाले लोगों पर पड़ा है. लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मशक्कत करते नजर आये. कामकाजी वर्ग और मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित शीतलहर के कारण मजदूर वर्ग और रोजाना कमाने-खाने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. दिहाड़ी मजदूरी करने वालों को काम मिलने में मुश्किलें हो रही है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है. बाजार में भी ठंड के कारण ग्राहकों की संख्या में कमी देखी जा रही है, इससे छोटे व्यवसायियों को नुकसान हो रहा है. लोगों ने लिया अलाव का सहारा ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया. मोहल्लों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर लोग अपने स्तर से अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि ईंधन की कमी और प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन की सुस्ती से बढ़ी समस्याएं इस कड़ाके की ठंड में प्रशासन की तैयारी पर सवाल उठ रहे हैं. शहर में जरूरतमंदों के लिए कंबल वितरण और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था अब तक शुरू नहीं हो पायी है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है, जहां लोगों को सरकारी मदद का इंतजार है. बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक असर ठंड का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखा जा रहा है. अस्पतालों में ठंड से जुड़ी बीमारियों, जैसे सर्दी, खांसी, बुखार और सांस की समस्याओं के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. डॉक्टरों ने लोगों को ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनने, बाहर निकलने से बचने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी है. फिलहाल ठंड से राहत नहीं मिलने वाली : डॉ अशोक कुमार कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान में कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ी है. रविवार एवं सोमवार से पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों में बर्फबारी बढ़ने की संभावना है. इस कारण अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी में न्यूनतम दबाव भी बन सकता है. इस कारण झारखंड में ठंड बने रहने के साथ-साथ कहीं-कहीं हल्की वर्षा भी हो सकती है. रात में न्यूनतम तापक्रम जहां 7-8 डिग्री तक जा सकता है, वहीं दिन का अधिकतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
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