श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर सजा ठाकुरबाड़ी मंदिर
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर सजा ठाकुरबाड़ी मंदिर,
शहर के मुख्य बाजार पथ स्थित ऐतिहासिक बड़ा ठाकुरबाड़ी मंदिर जन्माष्टमी के अवसर पर सजाया गया है. भक्तों की आस्था का केंद्र बने इस मंदिर की स्थापना 1844 ईस्वी में स्वर्गीय शिव साव और सेवा साव ने की थी, जो सगे भाई थे. दोनों भाई अपने व्यवसाय के सिलसिले में राजस्थान की यात्रा करते थे, जहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कला-शैली से वे बेहद प्रभावित हुए. उन्होंने अपने गृह नगर गढ़वा में उसी शैली में एक मंदिर बनाने का संकल्प लिया. और इस मंदिर का निर्माण करवाया. मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की मूर्ति स्थापित की गयी, जो मंदिर का मुख्य आकर्षणऔर भक्तों की श्रद्धा का केंद्र है.
हर वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर इस मंदिर में भव्य श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा का मंचन, भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण का आयोजन होता है. भक्तगण पूरे उत्साह के साथ इस आयोजन में भाग लेते हैं. इसके अलावा नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा का आयोजन भी धूमधाम से किया जाता है. यहां मां दुर्गा की विधिवत पूजा और आरती होती है.स्थापत्य कला और इतिहास : मंदिर का निर्माण राजस्थान की स्थापत्य कला से प्रेरित होकर किया गया, जिसमें बारीक नक्काशी, भव्य गुंबद और विस्तृत मंडप शामिल हैं. यह मंदिर उस समय के कारीगरों की उत्कृष्ट शिल्पकला का प्रमाण है. मंदिर के निर्माण में प्रयुक्त शैली और सामग्री राजस्थान के पारंपरिक मंदिरों की याद दिलाती है.
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