गोवंशी सांढ़ पर उर्स के जुलूस के दौरान हमला करने की बात पूरी तरह से गलत है. यह बात गढ़वा पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय ने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता कर कही. उन्होंने बताया कि पुलिस के अनुसंधान के क्रम में यह पता चला है कि 30 जून की रात मझिआंव रोड ऊंचरी में अशोक सिनेमा हॉल के पास से उर्स का जुलूस गुजर रहा था. उस समय कर्ण कुमार और उसका छोटा भाई सड़क के किनारे खड़ा था. उसने जुलूस में चल रहे एक लड़के को धक्का दे दिया था. इससे उत्पन्न विवाद के कारण दोनों पक्षों में मारपीट की घटना हुई थी. इस संबंध में थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. एसपी ने मीडिया में आये पूरे घटनाक्रम को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि उर्स के जुलूस के 30-34 घंटा पूर्व ही सांंढ़ ने किसी अन्य मवेशी से गढ़देवी मोड़ के पास लड़ाई की थी, जिसमें वह घायल हो गया था. इसी दौरान उसको शीशा भी गड़ा था. इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायल सांढ़ का इलाज कराया. इस संबंध में पशु चिकित्सक से सांढ़ का इंजुरी रिपोर्ट भी मंगाया गया है. इसमें स्पष्ट है कि सांढ़ को लगा हुआ चोट 30 जून की रात का नहीं था. बल्कि सांढ़ को चोट पूर्व का है. पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि वादी ने प्राथमिकी में कई अन्य गंभीर आरोप लगाये हैं. जबकि अनुसंधान के क्रम में उन गंभीर आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों पक्षों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों द्वारा इस घटना को बढ़ा-चढ़ा कर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट भी किया जा रहा है. वैसे लोग सांप्रदायिक भावना को भड़काने का काम कर रहे हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस प्रशासन वैसे लोगों पर भी निगरानी रख रहा है. उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर जिला प्रशासन द्वारा गढ़वा में शांति बहाली के लिए गणमान्य लोगों के साथ शांति समिति की बैठक की गयी है. घटना को लेकर शहर में उपजी स्थिति को देखते हुए पुलिस द्वारा लगातार गश्ती की जा रही है. घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 30 जून की रात को उर्स के जुलूस के गुजरने के क्रम में हुई मारपीट की घटना को लेकर गढ़वा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मारपीट में घायल कर्ण कुमार ने गढ़वा थाने में दिये गये आवेदन के आधार पर पुलिस ने (गढ़वा थाना कांड संख्या 351/24) धारा 147, 148, 149, 448, 341, 330, 324, 307, 504, 506, 354, 379, 153 ए भारतीय दंड विधान एवं झारखंड गोवंशीय पशु हत्या प्रतिरोध अधिनियम 2005 के तहत प्राथमिक दर्ज की है. इसका अनुसंधान किया जा रहा है.
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