स्वतंत्रता सेनानी सह पलामू के प्रथम सांसद जेठन सिंह का परिवार तंगहाली में

स्वतंत्रता सेनानी सह पलामू के प्रथम सांसद जेठन सिंह का परिवार तंगहाली में

By Prabhat Khabar News Desk | April 25, 2024 8:37 PM
an image

पलामू के प्रथम सांसद सह स्वतंत्रता सेनानी जेठन सिंह खरवार का परिवार गरीबी और तंगहाली में जी रहा है. परिवार के सदस्यों को रोटी, कपड़ा और मकान के लिए तरस रहे हैं. गढ़वा जिले के रंका प्रखंड के बरवाडीह गांव निवासी जेठन सिंह खरवार आजादी के बाद देश के पहले लोकसभा चुनाव (वर्ष 1951-52) में पलामू से सांसद बने थे. वर्ष 1957 तक सांसद रहे जेठन राजनीतिक जीवन में सादगी और ईमानदारी के मिसाल थे. वर्ष 1980 में उनका निधन हो गया. सांसद रहते उन्होंने कोई निजी संपत्ति अर्जित नहीं की. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले जेठन सिंह का परिवार आज भी किसानी व मजदूरी कर गुजर-बसर कर रहा है. उनके पुत्र के पास अब तक रहने को घर नहीं है. उनके सभी बेटे पिता के कच्चे मकान में ही रहने को मजबूर हैं. इधर सांसद के बरवाडीह गांव स्थित घर तक जाने के लिए सड़क तक नहीं बन पायी है. उबड़-खाबड़ रास्ते से उनका घर तक पहुंचा जा सकता है. पुत्र सत्यदेव सिंह ने कहा कि पिताजी के बनाया हुआ कच्चा खपरैल घर में वे लोग रहते हैं. उन्हें न प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिला और न ही अबुआ आवास के तहत. उन्होंने कहा कि पिताजी की छोड़ी हुई कुछ जमीन पर खेती-बाड़ी कर वे अपना पेट पालते हैं. सत्यदेव सिंह ने कहा कि पिता जेठन सिंह के बाद जितने भी सांसद और स्थानीय विधायक हुए, उन्होंने आज तक उनकी स्थिति जानने की कोशिश नहीं की. वर्तमान विधायक सह पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने गांव में पिताजी की प्रतिमा स्थापित जरूर की है.

बेटे राजनीति में नहीं आये : जेठन सिंह के चार पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र विमल सिंह का निधन हो गया है. वहीं अन्य पुत्रों सत्यदेव सिंह, कृष्ण मुरारी सिंह एवं प्रदीप सिंह में से कोई राजनीति में नहीं आये. सत्यदेव सिंह, कृष्ण मुरारी सिंह और प्रदीप सिंह खेती-बाड़ी कर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं. इन सबकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. सत्यदेव सिंह ने कहा कि वे राजनीति में नहीं आये. आज की राजनीति खर्चीली है और हम गरीब हैं.

सबके बेटे खेतिहर व मजदूर : जेठन के चार पुत्रों के कुल 13 बेटे व नौ बेटियां हैं. इनमें से दो को छोड़ शेष सभी बेटे खेती-बाड़ी व मजदूरी करते हैं. कृष्ण मुरारी सिंह व प्रदाप सिंह के एक-एक बेटे बाहर ड्राइवर का कम करते हैं. वहीं सभी नौ लड़कियों की शादी हो चुकी है.

रंका के राजबांस में हुआ था जन्म

जेठन सिंह खरवार का जन्म वर्ष 1917 में रंका थाना के राजबांस में हुआ था. शादी के बाद वह रंका थाना के बरवाडीह गांव में नाना के घर बस गये. उनकी प्राथमिक शिक्षा रंका वर्नाकुलर मध्य विद्यालय (अब बुनियादी विद्यालय) में हुई थी. बाद में वह स्वतंत्रता के स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े तथा जल, जंगल व जमीन बचाने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते रहे. जेठन 12 साल की उम्र में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी में शामिल हो गये थे. वह 1932 से 1935 तक पार्टी में रंका थाना क्षेत्र के सचिव नियुक्त किये गये. इसके बाद 1936 में डाल्टेनगंज कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. आजादी के लड़ाई में भाग लेने के कारण उन्हें वर्ष 1930, 1938, 1939 और 1942 में चार बार जेल जाना पड़ा था. आजादी के बाद वर्ष 1952 से 1957 तक वह पलामू के प्रथम सांसद रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version