गढ़वा. झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले जिलेभर की आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने समाहरणालय के समक्ष सोमवार से अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल प्रारंभ किया. इस दौरान आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के अतिरिक्त मानदेय में की गयी वृद्धि का भुगतान करने एवं पोषण ट्रेकर के नाम पर मानदेय की कटौती बंद करते हुए काटे गये मानदेय का भुगतान करने की मांग प्रमुखता से उठायी गयी. साथ ही इससे संबंधित मांगपत्र उपायुक्त को भी सौंपा गया. कार्यक्रम का संचालन प्रदेश संयोजक रामचंद्र पासवान ने किया. भूख हड़ताल में शामिल सेविका-सहायिका : इनमें प्रदेश अध्यक्ष वीणा सिन्हा, जिलाध्यक्ष कौशल्या देवी, अनुमंडल अध्यक्ष जबिला खातून, रंका प्रखंड अध्यक्ष बबीता देवी, परियोजना अध्यक्ष कांडी नीमा देवी, सुनैना देवी, शर्मिला देवी, मेराल परियोजना अध्यक्ष अनिता पांडेय, धुरकी परियोजना अध्यक्ष रीता सिंह खरवार, चिनियां प्रखंड अध्यक्ष सरोजनी देवी, मझिआंव पंचायत अध्यक्ष इंदू देवी, मझिआंव परियोजना अध्यक्ष सरिता देवी, बिंदा पासवान, रंका की सेविका अनिता देवी, धनवंती देवी, सगीना खातून, पुष्पा देवी, शिला देवी, रेखा देवी, अर्चना कुंवर व बसंती देवी शामिल है. भूख हड़ताल पर बैठनेवाली सभी सेविका व सहायिकाओं का माला पहनाकर स्वागत किया गया. लिखित आश्वासन मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा : प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मौके पर यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका के मानदेय में प्रतिवर्ष 500 रुपये की वृद्धि एवं सहायिकाओं के मानदेय में प्रतिवर्ष 250 की वृद्धि करते हुए भुगतान करने का निर्देश झारखंड आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका नियमावली-2022 में अंकित किया गया है. इसका भुगतान जुलाई-2023 से होना था. लेकिन 17 माह बीतने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सेविका व सहायिका का पोषण ट्रैकर के नाम पर मानदेय में कटौती की जा रही है. यह पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा कि जब तक विभाग के पदाधिकारी द्वारा उनकी दोनों प्रमुख मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता है, तब तक वे सभी भूख हड़ताल पर जमे रहेंगे.
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