गढ़वा में अज्ञात बीमारी से तीन दिनों के अंदर 1 ही परिवार के तीन लोगों की मौत
इलाज के दौरान यहीं उसकी मौत हो गयी़ इससे तीन दिन पूर्व उसकी बहन शर्मिला कुमारी (20 वर्ष) की मौत घर पर ही हो गयी थी़ निर्मला की मौत के बाद पीड़ित परिवार को मंगलवार को ही रिम्स, रांची रेफर किया गया. यहां भाई रामदहीन की मौत हो गयी. अब रिम्स में पिता नान्हू व मां सुनैना का इलाज हो रहा है. इन सबकी बीमारी के संबंध में चिकित्सक भी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे है़ं बताया गया कि घर के सभी सदस्यों को करीब दस दिन पूर्व से शरीर में सूजन होना शुरू हुआ था.
गढ़वा : कांडी प्रखंड के भंडरिया गांव में अज्ञात बीमारी से तीन दिन के अंदर एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से गांव में गम व दहशत का माहौल है़ भंडरिया गांव निवासी नान्हू रजवार की लड़की निर्मला कुमारी (16 बर्ष) की चिता उठाने की तैयारी गांव वाले कर ही रहे थे कि उसी दौरान ग्रामीणों को सूचना मिली की रिम्स में इलाजरत निर्मला के भाई रामदहीन राजवार (20 बर्ष) की भी मौत हो गयी है़ निर्मला का इलाज अपने पिता नान्हू रजवार, माता सुनैना देवी व भाई रामदहीन रजवार के साथ सदर अस्पताल गढ़वा में हो रहा था़
इलाज के दौरान यहीं उसकी मौत हो गयी़ इससे तीन दिन पूर्व उसकी बहन शर्मिला कुमारी (20 वर्ष) की मौत घर पर ही हो गयी थी़ निर्मला की मौत के बाद पीड़ित परिवार को मंगलवार को ही रिम्स, रांची रेफर किया गया. यहां भाई रामदहीन की मौत हो गयी. अब रिम्स में पिता नान्हू व मां सुनैना का इलाज हो रहा है. इन सबकी बीमारी के संबंध में चिकित्सक भी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे है़ं बताया गया कि घर के सभी सदस्यों को करीब दस दिन पूर्व से शरीर में सूजन होना शुरू हुआ था.
अब एक ही बेटा बचा : दो बेटी व एक बेटे की मौत के बाद नान्हू व सुनैना देवी का अब एक ही बेटा दीपक रजवार बचा है. वह बाहर काम करता है. वह अपनी बहन निर्मला के दाह संस्कार से कुछ ही देर पहले घर पहुंचा. उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है़
ग्रामीणों की मदद से हुआ दाह संस्कार : इधर सदर अस्पताल गढ़वा में निर्मला की मौत के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया. इधर घर में किसी सदस्य के न होने के ग्रामीण इंदल पांडेय व अजय सिंह के प्रयास से निर्मला का पोस्टमार्टम हुआ. इसके बाद शव को गढ़वा से गांव भंडरिया लाया गया़ यहां पर गांव के ही अनुप सिंह, प्रबोध सिंह, प्रदीप सिंह व अखिलेश पांडेय के सहयोग से कोयल नदी के घाट पर निर्मला का दाह संस्कार किया गया़