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आज 48 डिग्री रहा तापमान, कल से एक-दो डिग्री की गिरावट

आज 48 डिग्री रहा तापमान, कल से एक-दो डिग्री की गिरावट

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 8:14 PM

गढ़वा जिले में बुधवार को तापमान 48 डिग्री सेल्सियस रहा. सुबह से ही भीषण गर्मी के साथ लू चलनी शुरू हो गयी थी. आसमान से मानो आग बरस रहा था. पूरे दिन लू चलता रहा. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र के मुताबिक 30 मई को भी अधिकतम तापमान 48 डिग्री रहेगा. इसके बाद तापमान में थोड़ी गिरावट होगी. पूर्वानुमान में 31 मई को 46 डिग्री, एक जून 45 डिग्री तथा दो जून को 43 डिग्री तापमान रहने की बात कही गयी है. इस बीच लगातार गर्म हवा चलेगी. गौरतलब है कि पिछले कई दशक के बाद गढ़वा में तापमान 48 डिग्री पहुंचा है. गढ़वा में अमूमन मई महीने के अंतिम सप्ताह में 45 डिग्री तक तापमान पहुंचा है. लेकिन बीते एक-दो वर्षों में तापमान अधिकतम 46 डिग्री तक हो गया था. इस बार तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि से लोग परेशान हैं. सुरक्षित व स्वस्थ रहते हुए अपनी दिनचर्या पूरी करना लोगों के लिए चुनौती है.

सभी वार्डों में कूलर की व्यवस्था की गयी : डॉ विकास कुमार

मौसम विज्ञान केंद्र की चेतावनी के बाद गढ़वा सदर अस्पताल में भी सतर्कता बरती गयी है. इस संबंध में गढ़वा के हॉस्पिटल मैनेजर डॉ विकास केसरी ने बताया कि गढ़वा सदर अस्पताल में भीषण गर्मी को देखते हुए सभी वार्ड में मरीजों के लिए कूलर की व्यवस्था कर दी गयी है. आगे भी भीषण गर्मी में यह व्यवस्था बनी रहेगी. उन्होंने बताया कि लू लगे मरीजों के लिए सदर अस्पताल में दवा की पूरी व्यवस्था है. उनके लिए पानी के एक टब और ठंडा पानी की व्यवस्था भी जल्द की कर ली जायेगी.

बाहर निकलना मजबूरी है : विकास कुमार

इस समय लू और कड़ी धूप से बचने के लिए ज्यादातर लोग सुबह के बाद से ही घर में दुबक जाते हैं. लेकिन दिहाड़ी मजदूरों और फूटकर दुकानदारों को इस लू में भी काम करते देखा जा रहा है. इस कड़ी धूप में भी ठेले पर घूम-घूमकर गन्ना का रस बेच रहे गढ़वा शहर के मिस्कार मुहल्ला निवासी विकास कुमार ने बताया कि गर्मी के दिनों में ही गन्ने की रस की ज्यादा बिक्री होती है. लू चल रही है. लेकिन यदि वह घर से नहीं निकलेगा, तो परिवार का खर्चा कैसे चलेेगा. यद्यपि इस समय दिन से ज्यादा सुबह और शाम में ही उसे ग्राहक मिलते हैं.

धूप देखेंगे तो खायेंगे क्या : प्रेमचंद राम

इस 48 डिग्री तापमान में भी प्रेमचंद राम हर दिन की तरह ही ठेला पर सामान लेकर बेचने जा रहा था. पूछने पर प्रेमचंद ने बताया कि वह बाजार समिति से दुकान तक रोज सब्जी पहुंचाता है. वह धूप देखेगा, तो क्या खायेगा.

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