हरिहरपुर. गढ़वा जिले के हरिहरपुर ओपी क्षेत्र के डुमरसोता के सोन तटीय क्षेत्र में बिना सुरक्षा के ही लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं. इस वजह से कभी भी बड़ी घटना हो सकती है. डुमरसोता का श्रीनगर नाव घाट काफी व्यस्त रहनेवाला घाट है. यहां से गढ़वा जिले के हरिहरपुर ओपी क्षेत्र के श्रीनगर से प्रतिदिन लोग बिहार तथा बिहार से श्रीनगर होते हुए गढ़वा आना-जाना करते हैं. सुबह छह बजे से लेकर शाम के छह बजे तक सैकड़ो की संख्या में लोग नाव से आवागमन करते हैं. इस दौरान यात्रियों के साथ-साथ सामान एवं बाइक जैसे वाहन भी नाव से ही इस पास से उस पार ले जाये जाते हैं. लेकिन इस दौरान सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का तनिक भी पालन नहीं किया जाता. नाव पर कोई सेफ्टी जैकेट या किट नहीं होता है. वहीं नाव पर बैठने की क्षमता का भी ख्याल नहीं किया जाता. नाव में क्षमता से ज्यादा संख्या में लोगों को बैठा लिया जाता है. कई बार तो क्षमता से अधिक सवारी के साथ-साथ एक बार में दस से 15 मोटरसाइकिल भी लोड कर ली जाती है. इस लापरवाही को रोकने के लिए कोई प्रशासनिक पहल भी नहीं होती. जबकि यहां हर वर्ष नाव घाट का टेंडर जिला परिषद की ओर से किया जाता है. इस टेंडर से अच्छी खासी रकम विभाग को मिलती है. प्रशासनिक निगरानी न होने से नाव मालिक बिना सुरक्षा का ख्याल किये नाव का संचालन कर रहे हैं. कभी भी हो सकता है हादसा : इस संंबंध में ग्रामीण महेंद्र सिंह, अजय पासवान, छोटु मेहता, नीतीश कुमार, सुरेन्द्र राम व बसंत राम ने बताया कि सुरक्षा मानक का ख्याल नहीं रहने से सोन नदी में कभी भी हादसा हो सकता है. यह क्षेत्र गढ़वा जिला मुख्यालय से काफी दूर है. यहां तक प्रशासनिक मदद पहुंचने में भी देर हो जायेगी. उन्होंने प्रशासन से नाव घाट एवं नाव के संचालन से संबंधित सभी सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराने की मांग की है.
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