रंका : रंका प्रखंड के पाल्हे के बिचला टोला में आज तक आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है. ग्रामीण खेत-क्यारी से होकर रंका आते-जाते हैं. ग्रामीणों को बरसात के दिनों में जल जमाव के दौरान बदहाल रास्ता से गुजरना पड़ता है. इस रास्ते से साइकिल तो दूर, पैदल चलना भी खतरा भरा होता है.
ग्रामीण नरेश प्रजापति, मो शहीद अंसारी, प्रेम यादव, शिक्षक बिरेंद्र राम, सत्येंद्र राम, मनोज नायक, संजय नायक गोला नायक आदि ने बताया कि पहले इसका अनुमंडल कार्यालय होकर रास्ता था. इसी रास्ते से लोग आना-जाना करते थे. लेकिन वर्ष 2008 में अनुंडल कार्यालय बन जाने से यह रास्ता बंद हो गया.
अब ग्रामीण रैयतदार के रैयत खेत से आना-जाना करते हैं. इस समय रैयतदार महेश साव, सुरेश साव ने अपना खेत जोत दिया है. इस कारण अब इस टोला के लोगों का आना-जाना और मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों ने बताया कि अनुमंडल कार्यालय बनने के बाद 12 साल से टोलावासी खेत-क्यारी होकर आते-जाते रहे हैं. उनके आवागमन के लिए कोई सड़क नहीं है. खेत में जल जमाव से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीणों ने कहा कि इस टोले में अन्य बुनियादी सुविधाओं की समस्या नहीं है. सिर्फ सड़क के कारण परेशानी हो रही है. उपायुक्त गढ़वा से जांच कर सड़क बनवाने की मांग की है.