गढ़वा : गढ़वा जिले में दो और कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया है. रविवार को जारी जांच रिपोर्ट में दो बच्चों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. ये बच्चे उसी संक्रमित शख्स के परिवार के सदस्य है जो 22 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. दोनों क्रमशः 10 और 12 साल के बच्चे हैं. इसके बाद गढ़वा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 3 हो गयी है. वहीं राज्य में यह आंकड़ा बढ़कर 82 हो गया है.
उल्लेखनीय है कि गढ़वा शहर के पठान टोली निवासी 22 वर्षीय एक युवक में कोरोना पॉजिटिव का मामला पिछले 22 अप्रैल को ही उजागर हुआ था. कोरोना प्रभावित युवक रांची के लेक व्यू अस्पताल से इलाज कराकर लौटा था. इसके बाद वह छह अप्रैल से 19 अप्रैल तक अपने परिवार के बीच गढ़वा रहा था.
उक्त युवक के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद उसे प्रशासन द्वारा घर से कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. उसके साथ ही उसके परिवार के 22 सदस्यों को गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कर उनका सैंपल जांच के लिए रांची भेजा गया था. जिसकी रिपोर्ट रविवार को शाम में आने के बाद उक्त युवक के घर के दो बच्चों में भी करोना पॉजिटिव का मामला पाया गया.
इस रिपोर्ट के आते ही प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी है. प्रशासन कोरोना प्रभावित युवक के रिश्तेदार दोनों बच्चों को भी सदर अस्पताल से कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करने की प्रक्रिया में जुट गया है. साथ ही इसके बाद गढ़वा में कोरोना प्रभावित 3 मरीजों के होते ही लोगों में दहशत भी बढ़ गया है. पूरे इलाके को सील किया गया है.
गढ़वा जिले में कोरोना की दस्तक का मुख्य कारण है कि जो मरीज लेक व्यू में इलाजरत था, उसे पलामू के एम्बुलेंस से बिना प्रशासन को सूचना दिये जिले में छोड़ दिया गया. अगर एम्बुलेंस चालक और एम्बुलेंस प्रबंधक के द्वारा अग्रिम अनुमति लेकर अथवा छोड़ने के साथ ही स्थानीय प्रशासन या सिविल सर्जन कार्यालय को सूचित किया गया होता तो 23 सदस्यों के पूरे परिवार के साथ-साथ गढ़वा के पूरे शहरी टोला में इसका खतरा पैदा नहीं होता.
गढ़वा के उपायुक्त ने उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि अतः संबंधित एंबुलेंस के 3 चालकों सहित एंबुलेंस के प्रबंधक पर भी एफआईआर करने निर्देश दिया गया हैं. गढ़वा जिले के साथ-साथ आस-पास के जिलों के सभी एंबुलेंस संचालकों को आगाह किया जाता है कि भविष्य में प्रत्येक ऐसे बाहर से लाये गये मरीजों की यथासंभव अग्रिम अनुमति एवं जिले में पहुंचने के एक घंटे में स्थानीय थाना/बीडीओ/एसडीओ को लिखित सूचना दें.