प्रभु यीशु के यरुशलम में विजयी प्रवेश का प्रतीक है पाम संडेका त्योहार
प्रभु यीशु के यरुशलम में विजयी प्रवेश का प्रतीक है पाम संडेका त्योहार
प्रतिनिधि, बड़गड़
प्रखंड के गोठानी गांव स्थित चर्च ऑफ क्राइस्ट ने पाम संडे (खजूर पर्व) मनाया. इस पर्व को खजूर रविवार भी कहा जाता है. इसे ईसाई धर्म के अनुयायियों के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है. इस अवसर पर उपस्थित छह पास्टरों ने पूजा विधि संपन्न करायी और कहा कि पाम संडे पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है. इसका समापन ईस्टर के रूप में होता है. यह दिन ईसाई समुदाय के लोगों में प्रभु यीशु के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाया जाता हैं. उन्होंने बताया कि ईसाई समुदाय में ईस्टर से पहले 40 दिनों तक उपवास रखा जाता है. यह दिन ईसाई समुदाय के लोगों में प्रभु यीशु के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाया जाता हैं.
बाइबल में उल्लेख : पवित्र बाइबल में पाम संडे के बारे में जो उल्लेख मिलता है, उसके मुताबिक- प्रभु यीशु जब यरुशलम पहुंचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग अपने हाथों में पाम यानी खजूर की डालियां लहराते हुए एकत्रित हो गये थे. लोगों ने प्रभु यीशु का जोरदार स्वागत किया था और उनके दिये उपदेशों को अंगीकार करने का संकल्प लिया था. इसी खास दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है.विश्वासियों ने प्रीति भोज का आनंद लिया : खजूर रविवार पर्व पर मसीही समुदाय द्वारा आयोजित जुलूस गोठानी सरकारी स्कूल के प्रांगण से निकलकर चर्च भवन में सभा में परिवर्तित हो गया. वहां सभी पास्टरों एवम गणमान्य अतिथियों का पारंपरिक रीति रिवाज से स्वागत किया गया. इस आयोजन के संयोजक आमोस मिंज ने बताया कि आज हम नये गिरजा घर में प्रवेश का पर्व भी मना रहे हैं. मौके पर सभी विश्वासियों ने मिलकर प्रीति भोज का आनंद भी लिया.