गढ़वा फोरलेन बाइपास पर जाटा-सहिजना क्रॉसिंग के पास मंगलवार की दोपहर टेंपो व पिकअप वाहन की टक्कर में आरएन टैगोर स्कूल के दो छात्रों की हुई मौत और कई छात्रों के घायल होने के बाद भीड़ इतनी आक्रोशित थी कि उसने मौके पर पहुंचे पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को भी नहीं बक्शा. बच्चों की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने एसपी व डीएसपी को भी नहीं छोड़ा. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे एसपी दीपक कुुमार पांडेय को आक्रोशत ग्रामीणों ने घेर लिया. एसपी ग्रामीणों को समझाते, इसी बीच ग्रामीणों ने उनके वाहन पर हमला कर दिया. ग्रामीणों ने एसपी के सामने उनकी गाड़ी को लाठी व पत्थर से मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया. एसपी श्री पांडेय एवं एसडीपीओ नीरज कुमार के समझाने पर भी ग्रामीणों का आक्रोश कम नहीं हुआ और ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला कर कई पुलिसवालों को चोटिल कर दिया. इसके बाद एसपी के आदेश पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ को खदेड़ा. इसके बाद भी ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा. इस दौरान पुलिस पर हमले का प्रयास विफल करने के लिए आसू गैस के गोले दागे गये.
पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी : उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्र, एसडीओ विजय कुमार व गढ़वा बीडीओ नरेंद्र नारायण भी मौके पर पहुंचे हुए थे. सबने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर विधि-व्यवस्था सामान्य बनाने का प्रयास किया,. पर ग्रामीण कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. ऐसे में पुलिस- प्रशासन को माहौल शांत कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस लाइन से काफी संख्या में सुरक्षा बल को घटना स्थल पर तैनात किया गया, तब जाकर ग्रामीण इधर-उधर हटे.
एसपी दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि ग्रामीणों ने उनके वाहन सहित प्रशासन के कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया है तथा पुलिस पर हमला कर उन्हें चोटिल किया है. इसके दोषी लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का ही प्रयास किया था. आखिर इस घटना में पुलिस प्रशासन का क्या दोष है. पुलिस लोगों की मदद करने पहुंची थी, लेकिन ग्रामीण कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. उन्होंने प्रशासन पर हमला कर उसके कार्यों में बाधा पहुंचाने का काम किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है