तीन दशक बाद बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीणों ने दिया वोट, खूब दिखा उत्साह

तीन दशक बाद बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीणों ने दिया वोट, खूब दिखा उत्साह

By Prabhat Khabar News Desk | May 13, 2024 10:06 PM

गढ़वा जिला अंतर्गत बूढ़ा पहाड़ के इलाके में करीब तीन दशक बाद लोगों ने लोकसभा चुनाव में वोट दिया. पलामू लोकसभा क्षेत्र के इस इलाके के ग्रामीण कई साल बाद अपना वोट देकर काफी खुश थे. विदित हो कि छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे इस इलाके में ज्यादातर आदिवासी रहते हैं. यह पूरा इलाका 1990 के दशक से ही नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का गढ़ बना हुआ था. नक्सली संगठन वोट बहिष्कार का नारा देते हैं, इसलिए यहां के ग्रामीण किसी भी चुनाव में नक्सलियों के भय से अपना वोट नहीं दे पाते थे. इसलिए चाहे राज्य सरकार हो अथवा केंद्र सरकार, इसे बनाने में इन ग्रामीणों की कोई भूमिका नहीं रहती थी. वे लोकतंत्र के अधिकार से वंचित थे. लेकिन गत दो वर्षों के दौरान बूढ़ा पहाड़ पर राज्य पुलिस एवं अर्द्धसैन्य बलों के संयुक्त प्रयास से विशेष अभियान चलाकर उसे नक्सलियों से मुक्त करा दिया गया. तबसे यहां के ग्रामीण भी नक्सलियों के शासन से मुक्त हो गये हैं. करीब तीन दशक बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में इस इलाके के ग्रामीणों को अपना वोट देने का अवसर मिला, इससे वे काफी खुश थे.

वोट देने के लिए मिली वाहन सुविधा, पैदल भी पहुंच गये : बूढ़ापहाड़, तुमेरा, तुरेर और खपरी के मतदाताओं के लिए मदगड़ी-च में मतदान केंद्र (संख्या-421) बनाया गया था. इन ग्रामीणों को बूथ तक आने के लिए अपने गांव से करीब 20 किमी तक आना था. जिला निर्वाचन कार्यालय से इन ग्रामीणों को मतदान केंद्र तक लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन इन आदिवासियों में वोट देने को लेकर इतना उत्साह था कि काफी संख्या में ग्रामीण पैदल ही बूथ पर वोट देने पहुंच गये थे. मतदान शुरू होने के एक घंटा पहले ही ये लोग कतार में लग चुके थे. इधर सरूअत पहाड़ी, बहेरा टोली, रजखेता, कुल्ही और हेसातू के मतदाताओं के लिए हेसातू गांव में मतदान केंद्र ( संख्या-420) बनाया गया था. इन दोनों मतदान केंद्रों पर जमकर वोट पड़े. यहां आये अंशू कोरवा ने बताया कि वह पहली बार अपना वोट दे रहा है. इसी तरह से कई आदिवासी युवा थे, जो पहली बार वोट दे रहे थे.

प्रशासन ने की थी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था : मतदान केंद्र संख्या 420 व 421 के अलावे इस दुर्गम इलाके में भयमुक्त चुनाव कराने के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी. वहां झारखंड पुलिस के साथ अर्द्धसैन्य बलों को तैनात किया गया था. विदित हो कि इस इलाके मेंं केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स की टीम पहले से ही विभिन्न पिकेटों में तैनात है. इस कारण ग्रामीण भयमुक्त वातावरण में रह रहे हैं. मदगड़ी-च बूथ पर 423, 424, 425 व 426 बूथ के मतदाता भी वोट डाल रहे थे. यहां सुरक्षा बल निगरानी कर रहे थे.

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